PATNA: बिहार के सीतामढ़ी और गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत हो गयी है। इस घटना ने एक बार फिर बिहार की महागठबंधन और नीतीश सरकार की पोल खोलकर रख दी है। इस घटना से यह साबित हो गया है कि बिहार में शराबबंदी लागू किये जाने का जो दावा किया जा रहा है वो फेल है। बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने उक्त बातें कही।
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस बिहार के शराब माफिया से मिली हुई है यही कारण है कि पुलिस मौत के सही कारणों को छिपाने में लगी है। शराब से मौत को अज्ञात बीमारी से मौत बता रही है। अभी तक 8.67 लाख लीटर शराब जब्त किया गया है इससे दस गुणा ज्यादा की आपूर्ति की जा रही है। जिन लोगों की मौत हुई है उनके आश्रितों को 4-4 लाख रुपये देने की बात सुशील मोदी ने की है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सीतामढी और गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत ने फिर साबित किया कि राज्य सरकार पूर्ण मद्यनिषेध की नीति लागू करने में पूरी तरह विफल है। छठ पर्व हुई इस त्रासदी के बाद सरकार को अब मृतक आश्रितों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने में पहले की तरह हीलाहवाली नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हर साल जहरीली शराब से लोगों के मरने की एक दर्जन से ज्यादा घटनाओं के बावजूद नीतीश कुमार शराब नीति की समीक्षा न करने पर अड़े हैं। सुशील मोदी ने कहा कि पुलिस प्रशासन एक तरफ शराब माफिया की मदद कर अकूत कमाई कर रहा है और दूसरी ओर जहरीली शराब से मौत छिपाने के लिए रिकार्ड में "अज्ञात बीमारी से मृत्यु " दर्ज कर रहा है, ताकि आश्रितों को मुआवजा न मिल सके। सीतामढ़ी में जहरीली शराब से मौत के बाद पुलिस के डर से कुछ शवों को बिना पोस्टमार्टम के जला दिया गया।
उन्होंने कहा कि इस साल के दस महीनों में 8.67 लाख लीटर शराब जब्त दिखाई गई, जबकि इससे दस गुना अधिक शराब धड़ल्ले से बेची जा रही है। राज्य में प्रतिबंधित शराब अब केवल दो-पहिया-चार पहिया वाहनों से ही नहीं, बड़े ट्रक और कंटेनरों से भी पहुँचायी जा रही है। पुलिस ने 226 ट्रक शराब और 123 चार-पहिया वाहन जब्त किये हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि पूरे राज्य में शराब की होम डिलिवरी और राजधानी पटना में सरकार की नाक के नीचे पान की गुमटी तक पर शराब उपलब्ध होना क्या पर्याप्त और सुरक्षित सप्लाई चेन के बिना संभव है? उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मौत के बाद पुलिस के निचले स्तर के चंद अधिकारियों को निलंबित करना केवल दिखावा है। यदि सरकार में हिम्मत हो, तो नह शराब माफिया के सरगना और उनके राजनीतिक गॉड फादर पर कड़ी कार्रवाई करे।