DELHI : देश का इकनोमिक सर्वे यानि आर्थिक सर्वेक्षण हर साल आम बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है। संसद में बजट पेश होने के एक दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण पेश किए जाने के बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्र्वरन के द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। आपको बता दें, कि बजट सत्र 31 जनवरी से शुरु हो कर 23 फरवरी तक चलेगा।
इकनोमिक सर्वे एक वार्षिक रिपोर्ट होता है जो वित्त मंत्रालय के द्वारा जारी किया जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था से जुड़े आकड़े पेश किए जाते हैं। जिसमें पिछले एक साल का में देश में हुए आर्थिक प्रगति और प्रदर्शन का लेखा- जोखा होता है। इसमें अर्थव्यवस्था के मुख्य घटक जैसे महंगाई दर, बुनियादी ढ़ांचे, विदेशी मुद्रा भंडार और कृषि आदि क्षेत्रों में रुझानों का विस्तृत विवरण दिया जाता है। इसके साथ ही यह देश के सामने मौजूद आर्थिक चुनौतियों के बारे में भी जानकारी देता है। इस रिपोर्ट को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा मुख्य आर्थिक सलाहकार के देख- रेख में तैयार किया जाता है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, देश का पहला इकनोमिक सर्वे वर्ष 1950-51 में पेश किया गया था। तब ये बजट का हिस्सा होता था, लेकिन 1964 को इसे बजट से अलग कर दिया गया और बजट पेश होने के एक दिन पहले पेश किया जाने लगा। इस रिपोर्ट को दो भागों में बांटा जाता है । पहले भाग में देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति का विवरण दिया जाता है तो दूसरे भाग में गरीबी, मानव विकास सूचकांक, गरीबी, जलवायु परिवर्तन जैसे अन्य मुद्दों पर केंद्रित होता है।