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जातीय गणना पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, जानिए.. सबसे बड़ी अदालत में आज क्या हुआ?

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 06 Sep 2023 01:14:44 PM IST

जातीय गणना पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, जानिए.. सबसे बड़ी अदालत में आज क्या हुआ?

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DELHI : बिहार में जातीय गणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने जातीय गणना पर रोक लगाने से संबंधित दायर याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील को सुनते हुए अगली सुनवाई की तिथि 03 अक्टूबर निर्धारित कर दी है। 


दरअसल, बिहार में चल रहे जाति आधारित सर्वेक्षण को लेकर देश के सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका आधार किया गया था जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप कर जनगणना के रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करने पर रोक लगाए। इसके बाद अब इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख आज यानी 6 सितंबर को तय की गई थी। इसके बाद अब मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसबीएन भट्टी की पीठ में अगली तारीख 03 अक्टूबर निर्धारित कर दी है।


मालूम हो कि, इससे पहले केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में दायर अपना हलफनामा वापस ले लिया था जिसमें कहा गया था की जनगणना जैसी प्रक्रिया करने का हकदार केंद्र के अलावा कोई नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री के मंत्रालय में रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय द्वारा दायर हलफनामा को यह कहते हुए वापस ले लिया गया कि - "संविधान के तहत या अन्यथा ( केंद्र को छोड़कर) कोई अन्य निकाय जनगणना या जनगणना के समान कोई कार्रवाई करने का हकदार नहीं है।" पिछले सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह से अधिक की अनुमति दी थी जब केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार महतो ने कहा था कि वह संवैधानिक और कानूनी स्थिति को रिकॉर्ड पर रखना चाहते हैं।


आपको बताते चलें कि, बीते 1 अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार चाहे तो गणना करा सकती है। पटना हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्य सरकार का यह काम नियम संगत है और पूरी तरह से वैध है। राज्य सरकार चाहे तो गणना करा सकती है। हाईकोर्ट ने बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण को 'वैध' करार दिया था। इसके तुरंत बाद नीतीश सरकार ने जातीय गणना को लेकर आदेश जारी कर दिया था। पटना हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं।