PATNA: बिहार में आगामी 15 अप्रैल से जातिगत जनगणना का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा। इसको लेकर जाति और शिक्षा का कोड पहले से तय कर दिया गया है। इस बीच अब राज्य सरकार ने एक और कोड तय किया है जो लोगों का पेशा बताएगा।
दरअसल राज्य सरकार ने एक गाइडलाइन निकाली है जिसके अनुसार सरकारी नौकरी वाले एक नंबर कोड पर होंगे। जबकि किसानों के लिए पांच नंबर का कोड निर्धारित किया गया है। इसके अलावा खुद का रोजगार करने वाले का कोड चार नंबर रखा गया है।
वहीं, राज्य सरकार ने गृहिणियों का भी कोड निर्धारित किया है। जनगणना के दौरान उनके कॉलम में कोड नंबर 14 भरा जायेगा। वहीं, अगर कोई व्यक्ति किसी तरह का पेशा में नहीं हैं, तो ऐसे लोगों के लिए कोड नंबर 15 है।ऐसे लोगों के लिए "कुछ नहीं" श्रेणी रखी गयी है।
जानकारी के मुताबिक, सरकार ने लोगों के कार्यों को लेकर 15 तरह की लिस्ट तैयार किया है। इसमें सरकारी नौकरी, प्राइवेट नौकरी,किसान, स्वरोजगार, खेतिहर मजदूर, निर्माण मजदूर, अन्य मजदूर, मिस्त्री के अलावा भिखारी व कचरा बीनने वाले को भी शामिल किया है। इसके साथ ही विद्यार्थी, गृहिणी व अन्य की श्रेणी भी निर्धारित की गयी है।
राज्य सरकार के तरफ से जो लिस्ट तैयार की गई है उसके मुताबिक सरकारी नौकरी की श्रेणी में केंद्र या राज्य सरकार के कार्यालय में कार्यरत लोग आएंगे।संगठित क्षेत्र में प्राइवेट नौकरी से मतलब किसी कल कारखाना, संस्थान दुकान, प्रतिष्ठान में नियोजित हैं।उसे भविष्य निधि या कर्मचारी बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। इस प्रकार से आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियोजित डाटा इंट्री ऑपरेटर आइटी बॉय/गर्ल कार्यपालक सहायक आदि इस श्रेणी में शामिल होंगे।
वहीं, असंगठित क्षेत्र में प्राइवेट नौकरी में किसी कल कारखाना, संस्थान दुकान, प्रतिष्ठान में काम करता हो, लेकिन उसे भविष्य निधि या कर्मचारी बीमा योजना का लाभ नहीं मिल रहा है वो भी इस कोटि में शामिल हैं। जबकि निर्माण मजदूर की श्रेणी में कुशल, अर्द्धकुशल, अकुशल श्रमिक शारीरिक, पर्यवेक्षीय, तकनीकी या लिपिकीय कार्य एक नियत वेतन या पारिश्रमिक के लिए करता है। वहीं, अन्य मजदूर में कुली, ठेला चालक, रिक्शा चालक, बस का खलासी आदि शामिल है। समाज में मांग कर अपना गुजर बसर करनेवाले भिखारी की श्रेणी में आयेंगे।
इधर, बिहार में जाति गणना में लोगों की जाति के अलावा पेशे और रिश्ते के हिसाब से भी कोड दिया जा रहा है। इसके तहत अगर आप कुंवारे हैं तो आपको एक नंबर पर रखा जाएगा। जबकि, पति-पत्नी को जाति गणना में कोड दो दिया गया है। अगर कोई व्यक्ति अपने ससुराल में रहता है तो ऐसे घर जमाई को सरकार की तरफ से कोड में सात नंबर दिया गया है।जबकि, अगर सास-ससुर आपके साथ रहते हैं तो उन्हें नौ नंबर का कोड दिया जाएगा। जबकि तलाकशुदा को पांच नंबर कोड दिया गया है।