DESK: 28 से 29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण आज लगने जा रहा है। इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण अब कुछ घंटों बाद शुरू होगा। बिहार सहित पूरे देश में इसे देखा जा सकेगा। जो भारत के हर एक शहर और गांव में दिखाई देगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार यह रात के 01 बजकर 05 मिनट से यह शुरू होगा और 2 बजकर 24 मिनट तक चलेगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। चंद्रग्रहण के दौरान शिव चालीसा, गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जा सकता है। इस दौरान खाना बना और खाना दोनों वर्जित है। क्योंकि इस दौरान सबसे ज्यादा कीटाणु फैलते हैं जिसके कारण भोजन दूषित हो जाता है। इस समय भोजन करने से बीमार होने का खतरा ज्यादा होता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान तुलसी का पौधा और देवी-देवताओं की मूर्तियों को छूना भी वर्जित होता है। मंदिर में पूजा भी नहीं करना चाहिए। चंद्रग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र की माने तो चंद्र ग्रहण की वजह से प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप आदि का खतरा बना रहता है।
साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण आज लगने जा रहा है। इस चंद्र ग्रहण पर शरद पूर्णिमा का संयोग भी बनने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगने जा रहा है। सूर्य की परिक्रमा के दौरान जब पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच में आ जाती है, तब चंद्रग्रहण लगता है। बता दें कि चंद्रग्रहण के समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए कि चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण न करें। इसके साथ ही पूजा पाठ करना भी वर्जित माना जाता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी सुनसान जगह या श्मशान भूमि के पास नहीं जाना चाहिए. इस दौरान नकारात्मक शक्तियां काफी ज्यादा हावी रहती हैं। चंद्र ग्रहण के दौरान व्यक्ति को किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। ग्रहण की अवधि में पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। चंद्र ग्रहण के दौरान सिर्फ भगवान के मंत्रों का जप करना चाहिए। चंद्र ग्रहण के बाद शुद्ध जल से स्नान करके, गरीबों का दान देना चाहिए। चंद्र ग्रहण के बाद पूरे घर को शुद्ध करना चाहिए. ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है। ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।