DESK : राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए इससे निपटने के लिए झारखंड सरकार इंतजाम के लाख दावे कर ले , लेकिन हकिकत कुछ और ही बयान करती है. ताजा मामला गढ़वा का है.
जहां, जल संसाधन विभाग के इंजीनियर के कोरोना संक्रमित 84 साल के पिता की मौत हो गई . वह कोविड अस्पताल में भर्ती थे. गुरुवार की देर रात उन्हें हार्ट अटैक आया,जिसके बाद डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया. सिविल सर्जन डॉक्टर एनके रजक 108 एंबुलेंस को फोन कर बुलाते रहे पर एंबुलेंस नहीं पहुंची. इस बीच मरीज की मौत हो गई.
अपने पिता के मौत के लिए बेटे ने स्वास्थ्य विभाग को दोषी ठहराया है. जल संसाधन विभाग के इंजीनियर ने कहा कि यदि समय रहते उनके पिता का इलाज हो पाता तो उनकी जान बच सकती थी. स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया इसलिए समय पर इलाज न मिलने के कारण उसके पिता की मौत हो गई. जिले में कोरोना से दूसरी मौत है. इस बारे में सिविल सर्जन ने बताया कि मरीज को कार्डियक अरेस्ट आया था स्थिति गंभीर देखते हुए उन्हें रांची रेफर किया गया था. लेकिन समय पर एंबुलेंस नहीं आई. यह मामला सामने आने के बाद 108 एंबुलेंस मुहैया कराने वाली एजेंसी के खिलाफ गढ़वा थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई है. इस मामले में डिसी ने कहा कि एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराना गंभीर मामला है, पूरे मामले की जांच होगी और लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाई की जाएगी.