RANCHI : झारखंड की भ्रष्टाचारी आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को लेकर एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। मनी लांड्रिंग केस में खान सचिव पूजा सिंघल के ऊपर प्रवर्तन निदेशालय में कार्रवाई की है। पूजा सिंघल के 25 ठिकानों पर ईडी ने शुक्रवार को छापेमारी शुरू की थी जो शनिवार को आखिरकार खत्म हो गई। इस दौरान पूजा की करोड़ों की संपत्ति की जानकारी मिली। पूजा सिंघल के सीए को भी गिरफ्तार किया गया है, उससे पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है कि आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के पैसे 20 शेल कंपनियों में लगाए गए थे। खास बात यह है कि पूजा सिंघल बेपनाह दौलत इकट्ठा करती रही, सरकार चाहे कोई भी रही। झारखंड में भले ही बीजेपी की रघुवर सरकार हो या फिर जेएमएम की हेमंत सोरेन सरकार पूजा सिंघल का रसूख कभी कम नहीं हुआ और सरकार में बैठे लोग उन पर मेहरबान रहे।
खूंटी में पूजा सिंघल के डीसी रहने के दौरान 18 करोड़ रुपए का मनरेगा घोटाला हुआ था। इसके बाद आए राजेश शर्मा ने जांच की अनुशंसा की। जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई। 2010 में तत्कालीन सीएम ने जांच एसीबी से कराने के आदेश दिए थे। रघुवर सरकार के कार्यकाल में पूजा सिंघल को दोषमुक्त कर दिया। पलामू के कठौतिया कोल परियोजना की वन भूमि को जंगल झाड़ बता 80 एकड़ जमीन को कम मूल्य पर हस्तांतरित करने के मामले में भी पूजा सिंघल के खिलाफ जांच शुरू हुई थी। तत्कालीन आयुक्त ने निगरानी जांच की अनुशंसा की थी। लेकिन सरकार ने केस दर्ज करने की अनुमति नहीं दी। बाद में रघुवर सरकार में बरी हुई।
ईडी ने दूसरे दिन भी बरियातू स्थित पल्स अस्पताल को खंगाला। यहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। इसी बीच ईडी को जांच में 20 से अधिक शेल कंपनियों के बारे में जानकारी मिली है, जिसके माध्यम से पैसे खपाए जा रहे थे। अब इन सभी कंपनियों की सघनता से जांच की जा रही है। शेल कंपनियों का खुलासा होने के बाद कोलकाता के दंपती रौनक अग्रवाल और प्राची अग्रवाल ईडी के निशाने पर हैं। संदेह है कि यही दोनों शेल कंपनियों का संचालन करते हैं।
शनिवार सुबह ईडी ने पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार सिंह को हिरासत में लिया। ईडी के रांची कार्यालय में दिनभर पूछताछ की और शाम में गिरफ्तार कर लिया। सुमन के बूटी के हनुमान नगर आवास से 19.31 करोड़ रुपए मिले थे। सुमन ने बताया था कि पैसे उसके हैं, लेकिन ये पैसे कहां से आए, इस बारे में कोई साफ जानकारी नहीं दे सके।