PATNA : राजस्व संग्रह की चुनौतियों का सामना कर रही नीतीश सरकार ने होल्डिंग टैक्स के जरिए सरकारी खजाने को भरने का फैसला किया है। बिहार में होल्डिंग टैक्स को लेकर ढीला ढाला रवैया अब खत्म होगा। राज्य के 85 शहरों में जिनके भी नाम पर घर और प्रॉपर्टी होगी उन्हें हर हाल में होल्डिंग टैक्स देना होगा। सरकार ने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है।
बिहार के 85 शहरों की प्रॉपर्टी का सर्वे कराने का फैसला किया गया है। इन शहरों में जीआईएस मैप तैयार किया जाएगा। हैदराबाद के नेशनल रिमोट सेंसिंग संस्थान सैटलाइट इमेज के जरिए 85 शहरों का जीआईएस मैपिंग करेगा। सैटलाइट इमेजरी के जरिए नगर विकास विभाग को डाटा मिलेगा और जिसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही फील्ड में मौजूद नगर विकास एवं आवास विभाग के अधिकारी सर्वे करेंगे और उसके बाद होल्डिंग टैक्स की वसूली होगी।
पचासी शहरों के बाद इसे बिहार में और आगे भी बढ़ाया जाएगा नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव आनंद किशोर ने कहा है कि होल्डिंग टैक्स की वसूली में अनियमितता खत्म होने से बिहार को राजस्व का नुकसान नहीं होगा साथ ही साथ सेटेलाइट इमेज के जरिए विभाग को जो डाटा मिलेगा उसका इस्तेमाल अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर और एडमिनिस्ट्रेशन के लिए भी उपयोगी साबित होगा