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1st Bihar Published by: 7 Updated Tue, 03 Sep 2019 03:33:55 PM IST
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PATNA : बिहार सरकार ने करीब 2 साल पहले ऐलान किया और केन्द्र सरकार को भरोसा दिलाया था कि बिहार के सभी थाने कंप्यूटरीकृत होगें. कुछ काम इस दिशा में शुरू भी किए गए. थानों में कंप्यूटर ऑपरेटर की बहाली की बात भी कही गई. लेकिन फिलहाल स्थिती ढाक के तीन पात वाली ही है. नीतीश सरकार के थानों को ऑनलाइन करने के दावे समय के साथ फेल होते चले गए. अब तो पटना हाइकोर्ट ने भी बिहार सरकार को जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है और पूछा है कि बिहार के सभी थाने कब तक कंप्यूटरीकृत हो जाएंगे. जस्टिस एस पांडेय की खंडपीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है. वहीं सरकार ने संसाधनों की कमी का हवाला दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 4 सप्ताह बाद की जानी है. CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network and System) केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत थानों को हाई प्रोफाइल बनाने और एक-दूसरे से जोड़ने की योजना है. इसके तहत आम आदमी बिना थाना गए हुए ऑनलाइन FIR दर्ज करा सकता है. साथ ही अपने केस की जानकारी संबंधित थानाध्यक्ष से ई-मेल पर ले सकता है. बिहार के कुल 39 पुलिस जिलों में 853 पुलिस थाने हैं. जिनमें से 40 रेल थाना हैं. राजधानी पटना की अगर बात करें तो कुल 67 थाने हैं. लेकिन जिस धीमी गति से थानों की आधारभूत संरचना और कंप्यूटरीकृत करने का काम सरकार के तरफ से चल रहा है उससे लगता नहीं हालात जल्द बदलेंगे.