RANCHI: झारखंड में हेमंत सरकार पर संभावित संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री के आवास पर यूपीए विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में सत्तापक्ष के 5 विधायक नहीं पहुंचे। कांग्रेस की ओर से भूषण बाड़ा, ममता देवी, पूर्णिया नीरज सिंह बैठक में शामिल नहीं हुई। कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की अभी दिल्ली में है इसलिए बैठक में शामिल नहीं हो सकी। वहीं, जेएमएम की ओर से चमरा लिंडा, सरफराज अहमद बैठक में नहीं पहुंच सके। बैठक में सत्तापक्ष के कुल 33 विधायक मौजूद रहें। झारखंड कैबिनेट की बैठक पहले 22 अगस्त को होने वाली थी, जिसे बढ़ाकर अब 24 अगस्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को होने वाले इस महत्वपूर्ण बैठक को स्थगित करते हुए इसे बुधवार को करने का निर्णय लिया गया है। इस बैठक में कई अहम फैसलेलिए जाएंगे।
बैठक में सीता सोरेन रही मौजूद
ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में फंसे मुख्यमंत्री सरकार पर संभावित खतरे को लेकर सहयोगी दलों के साथ मंथन कर रहे है। इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस विधायक दल के नेता और मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री रामेश्वर उरांव, मंत्री जोबा मांझी, मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री जगन्नाथ महतो, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री मिथिलेश ठाकुर, आरजेडी चिधायक और मंत्री सत्यानंद भोक्ता के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित यूपीए के अन्य विधायक मौजूद थे। जेएमएम विधायक और मुख्यमंत्री की भाभी सीता सोरेन भी इस महत्वपूर्ण बैठक में मौजूद रही।
वैकल्पिक राजनीतिक संभावनाओं पर चर्चा
माइनिंग लीज आवंटन मामले में सुप्रीम कोर्ट और निर्वाचन आयोग की ओर से आने वाले फैसले से पूर्व हेमंत सोरेन ने शक्ति प्रदर्शन के रूप में विधायक दल बैठक की। सीएम इस बैठक के माध्यम से अपने राजनीतिक ताकत और कोर्ट के फैसले के खुद के अनुरूप नहीं रहने के पहलुओं पर सहयोगियों के साथ चर्चा की। झारखंड की राजनीति समझ रखने वाले बताते है कि अगले 10 दिन झारखंड की राजनीति के लिए काफी अहम है। सरकार के बने रहने और गिरने को लेकर आने वाला समय बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, इसलिए कांग्रेस ने भी अपने विधायकों को अगले कुछ दिनों तक रांची नहीं छोड़ने का निर्देश दिया था, फिर भी इस बैठक में कांग्रेस के तीन विधायकों समेत कुल 5 विधायक अनुपस्थित रहे।