RANCHI: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने एक और बड़ा ऐलान कर दिया हैं.आज हेमंत ने खरसावां में गोली कांड में शहीद जवानों को श्रद्दांजलि देने के बाद कहा कि खरसावां गोली कांड में शहीदों के आश्रितों को नौकरी मिलेगी और वह सम्मान की जिंदगी जीएंगे.हेमंत ने कहा कि ऐसा कोई काम नहीं होगा जिससे झारखंड के लोगों को तकलीफ हो. झारखंड आपका घर है. इसे कैसे संवारना यह हम सब मिलकर तय करेंगे. हर वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलना है.
काम वहीं होगा जो राज्यहित में हो
हेमंत ने कहा कि वर्तमान सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक में जो निर्णय लिया गया है उसमें संदेश है. उस संदेश में कई चीजें हैं. अब राज्य में वही काम होगा जो राज्य हित में होगा. यहां सिर्फ आदिवासियों और झारखंडियों के हित में निर्णय लिए जाएंगे. आपने जिस सोच, आशा और उम्मीद के साथ हमें झारखंड को आगे ले जाने की जिम्मेवारी सौंपी है उसका निर्वहन ईमानदारी से करुंगा. यह चुनौती बड़ी है. हम मिलकर इसके बीच से रास्ता निकालेंगे. राज्य के शहीदों ने हमें चुनौतियों को सीने से लगाने का बुलंद हौसला दिया है.
जानिए खरसावां गोलीकांड
आदिवासी खरसावां स्टेट को उड़ीसा में विलय किए जाने का विरोध कर रहे थे. इसको लेकर 1 जनवरी 1948 को खरसावां हाट में 50 हजार से अधिक आदिवासियों की भीड़ जुटी थी. भीड़ पर उड़ीसा मिलिटरी पुलिस ने अंधाधुध फायरिंग कर दी. गोलियां बरसती रही और लाशें बिछती रही. जब फायरिंग रूकी तो पूरे हाट मैदान में आंदोलनकारियों के शव बिखरे थे.आदिवासी नेता जयपाल सिंह मुंडा के आह्वान पर मैदान में जुटे थे वह खरसावां को बिहार में विलय की मांग कर रहे थे. लेकिन यह मांग उड़ीसा सरकार को मंजूर नहीं थी.