हेल्थ मिनिस्टर बनते ही सम्राट का एक्शन, हॉस्पिटलों के लिए मॉडल ड्यूटी रोस्टर जारी; डॉक्टरों को इतने घंटे करना होगा काम..

हेल्थ मिनिस्टर बनते ही सम्राट का एक्शन, हॉस्पिटलों के लिए मॉडल ड्यूटी रोस्टर जारी; डॉक्टरों को इतने घंटे करना होगा काम..

PATNA : बिहार में नई सरकार के गठन के बाद स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी भाजपा कोटे के फायर ब्रांड नेता सम्राट चौधरी के पास है। ऐसे में हेल्थ मिनिस्टर बनते ही सम्राट काफी एक्शन में आ गए हैं और वो लगातार राज्य के अलग -अलग जगहों पर जाकर हॉस्पिटल का मुयाअना भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब सम्राट के निर्देश पर पहली बार बिहार के सभी जिला अस्पतालों में मरीजों को बिना किसी रुकावट के सेवा देने के लिए मॉडल ड्यूटी रोस्टर तैयार की गयी है। 


 मॉडल ड्यूटी रोस्टर के अनुसार अब हर चिकित्सक को सप्ताह में 48 घंटे की न्यूनतम ड्यूटी करना अनिवार्य कर दी गयी है। ओपीडी, भर्ती मरीज, इमरजेंसी ओपीडी और लेबर रूम की रोस्टर ड्यूटी के अनुसार काम करना है। विभाग की ओर से इसी रोस्टर ड्यूटी के आधार पर सेवाओं की मॉनीटरिंग होगी। सरकार ने सिटीजन चार्टर के तहत रोस्टर तैयार किया है। इसका डिस्प्ले भी बोर्ड पर किया जाना है। 


स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के निर्देश के बाद तैयार जिला अस्पतालों की मॉडल रोस्टर ड्यूटी को सिविल सर्जन और जिला अस्पतालों के अधीक्षक व उपाधीक्षकों को भेज दी गयी है। जिला अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा को तीन शिफ्टों में बांट दिया गया है। मॉर्निंग शिफ्ट आठ बजे से दोपहर दो बजे, इवनिंग शिफ्ट दोपहर दो बजे से रात के आठ बजे और रात्रिकालीन शिफ्ट रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक होगी। इसी प्रकार से तीन शिफ्ट में लेबर रूम का भी संचालन होगा।  जिला अस्पताल के अधीक्षक को तीनों शिफ्ट में चिकित्सकों की तैनाती करनी है और उसका रिकॉर्ड भी रखना है। 


वहीं, विशेषज्ञ चिकित्सकों को सप्ताह में कम से कम दो दिन ओपीडी और दो दिन ऑपरेशन थियेटर में सेवा देनी है। किसी भी मरीज को दोपहर एक बजे के पहले डिस्चार्ज करना है। इसमें जांच की सेवाओं को भी शिफ्ट में बांटा गया है। इमरजेंसी में जांच और दवा की सुविधा 24 घंटे तीन शिफ्ट में संचालित होगी। रविवार और अवकाश के दिन इमरजेंसी सेवा के लिए ऑनकॉल मैनपावर को तैनात किया जाना है। 


उधर, मरीजों के रजिस्ट्रेशन का समय भी दो शिफ्ट सुबह और शाम तय किया गया है। जिला अस्पतालों को पहला मॉडल रोस्टर फार्मेट में कुल डॉक्टरों की संख्या दर्ज की जानी है. इन चिकित्सकों का नाम, मोबाइल नंबर, किस दिन किस डॉक्टर की ड्यूटी लगी, का चार्ट तैयार किया जाना है। इसी प्रकार से इमरजेंसी में किस डॉक्टर की किस शिफ्ट में ड्यूटी लगायी गयी है, इसका भी चार्ट तैयार किया जायेगा।