PATNA : कोरोना महामारी के बीच होम आइसोलेशन में जाने वाले स्वास्थ्य संविदाकर्मियों की सेवा खत्म की जाएगी। इसके अलावा उनके खिलाफ एपिडेमिक एक्ट और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी। राज्य सरकार ने होम आइसोलेशन में जाने वाले स्वास्थ्य विभाग के संविदाकर्मियों को लेकर अब सख्ती दिखाई है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने यह आदेश जारी किया है। सभी जिलों के सिविल सर्जन जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को दिया निर्देश दिया गया है कि होम आइसोलेशन में जाने वाले संविदाकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार के मुताबिक कोरोना संक्रमण से पैदा हुई विपरीत परिस्थितियों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मियों द्वारा अनाधिकृत रूप से होम आइसोलेशन में जाने के कारण आम लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने में परेशानी हो रही है। खास तौर पर कोरोना मरीजों की जांच और उनके इलाज के साथ-साथ वैक्सीनेशन अभियान पर प्रभाव पड़ रहा है। इतना ही नहीं संविदा कर्मियों की तरफ से अन्य कर्मियों को भी काम करने से रोका जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं में पैदा हुई विषम परिस्थिति को देखते हुए अब सरकार ने ऐसे संविदा कर्मियों के खिलाफ सख्ती से निपटने का फैसला किया है। बिहार एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 रेगुलेशन में इस बात का प्रावधान है कि ऐसे लोगों के साथ सख्ती से निपटा जाए। अब इसी एक्ट के तहत संविदा कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। साथ ही उनकी सूची भी स्वास्थ समिति को उपलब्ध कराई जाएगी।
आपको बता दें कि बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के ऐलान पर स्वास्थ्य संविदा कर्मी बुधवार से होम आइसोलेशन में चले गए हैं। संविदा कर्मियों ने बुधवार को 50 फीसदी काम ठप कर दिया और आगे आने वाले दिनों में यह अपनी सेवा पूरी तरह ठप करने वाले हैं। संघ के सचिव ललन कुमार सिंह के मुताबिक उनकी मांगे पिछले 8 साल से लंबित हैं और सरकार उस पर विचार नहीं कर रही है। पहले भी सरकार ने आश्वासन दिया था लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ संघ का कहना है कि यह निर्देश सरकार पर दबाव बनाने के लिए किया गया है।