हड़ताली शिक्षक अधिकारियों की मिलीभगत से उठा रहे वेतन, जबकि सरकार ने नो वर्क, नो पे किया है लागू

हड़ताली शिक्षक अधिकारियों की मिलीभगत से उठा रहे वेतन, जबकि सरकार ने नो वर्क, नो पे किया है लागू

MUZAFFARPUR: हड़ताली शिक्षक भी अधिकारियों की मिलीभगत से वेतन उठा रहे है. जबकि सरकार कह रही नो वर्क, नो पे लागू है. जिसका खुलासा मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड मिडिल स्कूल जनाढ़ के हेडमास्टर ने किया.  जिन्होंने अपने स्कूल के 10 हड़ताली शिक्षकों का फरवरी माह का भुगतान मिलने की जानकारी पर आश्चर्य के तहत बीईओ को शिकायत की पर बीईओ व लेखापाल की स्वयं इस खेल में संलिप्तता देख लोक सेवा अधिकार अधिनियम के तहत पदाधिकार में लिखित शिकायत दर्ज कर कारवाई की मांग की है.


हेडमास्टर शंभू साह का कहना है कि उनके स्कूल के 10 शिक्षक हड़ताल में थें जिनका फोटो और वीडियो प्रखंड के हड़ताली शिक्षकों के साथ रोज धरना प्रदर्शन में वायरल है. जो अबतक स्कूल में योगदान भी नहीं किये हैं फिर भी बीईओ और लेखापाल के द्वारा फरवरी माह का भुगतान कर दिया गया है. वहीं, औराई से तीन दर्जन अलग अलग स्कूल के हड़ताली शिक्षकों जिनका वीडियो और फोटो हड़ताल में धरना प्रदर्शन में भाग लेने का वायरल हो रहा है उन शिक्षकों का भी स्कूल में बिना योगदान किये भुगतान फरवरी माह का बीईओ व लेखापाल द्वारा किये जाने की शिकायत लोगों ने मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन से की है.

इसी तरह की शिकायत गायघाट प्रखंड से भी आ रही है जहां के बीईओ व लेखापाल के विरुद्ध लोगों ने कुछ हड़ताली शिक्षकों का फरवरी माह का भुगतान करने की शिकायत प्रखंड प्रमुख से की है. वहीं, हड़ताली शिक्षकों का कहना है कि उनका संघ हड़ताल में हैं अगर एक हड़ताली शिक्षक को भुगतान अधिकारी दें रहें हैं तो लॉकडाउन में सभी हड़ताली शिक्षकों को भुगतान किया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं तो गलत करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए. बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम में हेडमास्टर द्वारा दायर परिवाद में सुनवाई की तिथि 29 अप्रैल है. अब देखना है कि क्या फैसला होता है. वहीं औराई व गायघाट प्रखंड में बैक डेट में हड़ताली शिक्षकों को योगदान कराने का खेल भी शुरू है जिससे उनका मार्च का भुगतान कराया जा सकें.