यह चुनाव मात्र सरकार बदलने का नहीं, धोखा देने वालों से बदला लेने का भी समय है: मुकेश सहनी जमुई में आचार संहिता उल्लंघन: जदयू प्रत्याशी सुमित सिंह के स्वागत में जुटे 50 लोगों पर केस दर्ज, दो नामजद श्री लंगटा बाबा स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निकाली गई भव्य शोभायात्रा, श्रद्धालुओं की सेवा के लिए किए गए विशेष प्रबंध श्री लंगटा बाबा स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निकाली गई भव्य शोभायात्रा, श्रद्धालुओं की सेवा के लिए किए गए विशेष प्रबंध Bihar Election 2025: ‘बिहार में तीन-चौथाई सीटें जीतेगी NDA और बनाएगी सरकार’ राजनाथ सिंह का बड़ा दावा Bihar Election 2025: पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के लिए किया रोड शो, आरजेडी कार्यकर्ताओं से भिड़ंत होने से बचा Bihar Election 2025: सासाराम में सीएम योगी की ललकार, महागठबंधन पर जमकर बरसे; उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के लिए मांगे वोट Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 17 Feb 2024 05:26:03 PM IST
- फ़ोटो
DELHI: उर्दू के मशहूर कवि और गीतकार गुलजार और संस्कृत के विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ज्ञानपीठ चयन समिति ने शनिवार को इसका ऐलान किया है। गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य का चयन इस इस अवार्ड के लिए किया गया है।
दरअसल, ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से किसी भी भाषा में लिखता हो, तो वह इस पुरस्कार के योग्य है। पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 के लिए जिन दोनों हस्तियों को चुना गया है वे अपने-अपने क्षेत्र में काफी मशहूर हैं। एक तरफ जहां गुलजार ने गीत लेखन के अलावा गजल और कविता के क्षेत्र में महारथ हासिल की है। वहीं, जन्म से नहीं देख पाने के बावजूद जगद्गुरु रामभद्राचार्य संस्कृत और वेद और पुराणों की विद्वान हैं। चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख रामभद्राचार्य एक मशहूर हिंदू आध्यात्मिक नेता, शिक्षक और 100 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं।