ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने BJP की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा, अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी ने किया था सस्पेंड Bihar Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने BJP की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा, अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी ने किया था सस्पेंड Rohini Acharya: ‘संजय और रमीज का नाम लीजिएगा तो आपको चप्पल से मारा जाएगा’, पार्टी और परिवार छोड़ने के बाद रोहिणी आचार्य का बड़ा बयान Rohini Acharya: ‘संजय और रमीज का नाम लीजिएगा तो आपको चप्पल से मारा जाएगा’, पार्टी और परिवार छोड़ने के बाद रोहिणी आचार्य का बड़ा बयान World Pathology Day: पटना में विश्व पैथोलॉजी दिवस पर हेल्थ इंस्टीट्यूट में आयोजित हुआ भव्य समारोह, छात्र-छात्राओं ने लगाया साइंस एग्जीबिशन World Pathology Day: पटना में विश्व पैथोलॉजी दिवस पर हेल्थ इंस्टीट्यूट में आयोजित हुआ भव्य समारोह, छात्र-छात्राओं ने लगाया साइंस एग्जीबिशन बिहार में प्रेम की मिसाल: पति की मौत के दो घंटे बाद पत्नी ने भी तोड़ा दम, दोनों ने एकसाथ दुनिया को कहा अलविदा Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में पूरी तरह से हावी रहा परिवारवाद, कई नेताओं के रिश्तेदार जीते; कई को करना पड़ा हार का सामना Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में पूरी तरह से हावी रहा परिवारवाद, कई नेताओं के रिश्तेदार जीते; कई को करना पड़ा हार का सामना Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में इतनी महिला उम्मीदवारों ने मारी बाजी, विधानसभा में दिखेगी आधी आबादी की ताकत

ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 का एलान, गीतकार गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को सम्मान

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 17 Feb 2024 05:26:03 PM IST

ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 का एलान, गीतकार गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को सम्मान

- फ़ोटो

DELHI: उर्दू के मशहूर कवि और गीतकार गुलजार और संस्कृत के विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ज्ञानपीठ चयन समिति ने शनिवार को इसका ऐलान किया है। गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य का चयन इस इस अवार्ड के लिए किया गया है।


दरअसल, ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से किसी भी भाषा में लिखता हो, तो वह इस पुरस्कार के योग्य है। पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है।


ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 के लिए जिन दोनों हस्तियों को चुना गया है वे अपने-अपने क्षेत्र में काफी मशहूर हैं। एक तरफ जहां गुलजार ने गीत लेखन के अलावा गजल और कविता के क्षेत्र में महारथ हासिल की है। वहीं, जन्म से नहीं देख पाने के बावजूद जगद्गुरु रामभद्राचार्य संस्कृत और वेद और पुराणों की विद्वान हैं। चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख रामभद्राचार्य एक मशहूर हिंदू आध्यात्मिक नेता, शिक्षक और 100 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं।