ब्रेकिंग न्यूज़

बीवी के साथ मिलकर प्रेमी ने 21 साल की विधवा को जिंदा जलाया, जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रही पीड़िता सारण में 29 महिला सिपाहियों पर कार्रवाई: इलेक्शन ड्यूटी में लापरवाही पर SSP ने रोका वेतन, 3 दिन के भीतर मांगा जवाब जमुई में 50 हजार का इनामी अपराधी रामधारी तुरी अरेस्ट, पुलिस वैन की चपेट में आकर 3 ग्रामीण घायल दिल्ली में बीजेपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मिले जीतन राम मांझी, नई सरकार के गठन पर हुई चर्चा नीतू चंद्रा की छुट्टी: TV पर राजनीति की बात करना पड़ गया भारी, चुनाव आयोग ने स्वीप आइकॉन पद से हटाया दुरंतो एक्सप्रेस से 70 लाख कैश बरामद: झाझा स्टेशन पर RPF–GRP की संयुक्त कार्रवाई Bihar Politics: प्रफुल्ल मांझी चुने गए HAM विधायक दल के नेता, मांझी परिवार से बाहर के लीडर को मिली अहम जिम्मेवारी Bihar Politics: प्रफुल्ल मांझी चुने गए HAM विधायक दल के नेता, मांझी परिवार से बाहर के लीडर को मिली अहम जिम्मेवारी नीतीश कुमार ने बुला ली बड़ी बैठक, कल देंगे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा Bihar Politics: टिकट के लिए कुर्ता फाड़ने वाले इस शख्स की RJD को लग गई हाय, 25 सीटों पर सिमटने का दिया था श्राप; पुराना वीडियो वायरल

ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 का एलान, गीतकार गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को सम्मान

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 17 Feb 2024 05:26:03 PM IST

ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 का एलान, गीतकार गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को सम्मान

- फ़ोटो

DELHI: उर्दू के मशहूर कवि और गीतकार गुलजार और संस्कृत के विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ज्ञानपीठ चयन समिति ने शनिवार को इसका ऐलान किया है। गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य का चयन इस इस अवार्ड के लिए किया गया है।


दरअसल, ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से किसी भी भाषा में लिखता हो, तो वह इस पुरस्कार के योग्य है। पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है।


ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 के लिए जिन दोनों हस्तियों को चुना गया है वे अपने-अपने क्षेत्र में काफी मशहूर हैं। एक तरफ जहां गुलजार ने गीत लेखन के अलावा गजल और कविता के क्षेत्र में महारथ हासिल की है। वहीं, जन्म से नहीं देख पाने के बावजूद जगद्गुरु रामभद्राचार्य संस्कृत और वेद और पुराणों की विद्वान हैं। चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख रामभद्राचार्य एक मशहूर हिंदू आध्यात्मिक नेता, शिक्षक और 100 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं।