ब्रेकिंग न्यूज़

MUZAFFARPUR: दो कुख्यात अपराधियों की 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति होगी जब्त, कोर्ट का सख्त आदेश मधुबनी में दो सगे भाईयों की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत, बेलगाम ट्रक ने दोनों को रौंदा MUZAFFARPUR: ज्वेलरी शॉप लूटकांड मामले का खुलासा, लूटे गये आभूषण के साथ मां-बेटा गिरफ्तार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के सामने झुक गया पाकिस्तान, रोहित सिंह बोले..देश को अपने प्रधानमंत्री और सेना पर गर्व अरवल में 2 थानेदार का तबादला: मानिकपुर और SC/ST थाने की सौंपी गई जिम्मेदारी GOPALGANJ: गंडक नदी से मिला लापता व्यवसायी का शव, हत्या की आशंका जता रहे परिजन गया में महिला की इलाज के दौरान मौत, गुस्साए परिजनों ने किया जमकर हंगामा, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप Bihar News: बरसात से पहले गड्ढा मुक्त होंगी ग्रामीण सड़कें , बिहार सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी Bihar News: बरसात से पहले गड्ढा मुक्त होंगी ग्रामीण सड़कें , बिहार सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी India Pakistan Ceasefire: युद्ध विराम पर मुकेश सहनी ने PAK को दी सलाह, कहा..अब पाकिस्तान को आतंकवादियों के सफाए की लड़ाई लड़नी चाहिए

बिहार: ग्रामीण कार्य विभाग ने 1500 ठेकेदारों पर की कार्रवाई, अब सरकारी टेंडर में नहीं ले सकते भाग

1st Bihar Published by: Updated Tue, 08 Dec 2020 02:37:54 PM IST

बिहार: ग्रामीण कार्य विभाग ने 1500 ठेकेदारों पर की कार्रवाई, अब सरकारी टेंडर में नहीं ले सकते भाग

- फ़ोटो

PATNA: ग्रामीण कार्य विभाग ने करीब 1500 ठेकेदारों पर कार्रवाई की है. इस कार्रवाई के बाद ठेकेदार किसी भी सरकारी टेंडर में भाग नहीं ले सकते हैं. विभाग के आदेश के बाद भी सभी ठेकेदार सरकारी सिस्टम में ऑनलाइन जानकारी नहीं दे रहे थे. 

कई बार दी गई थी चेतावानी

ग्रामीण कार्य विभाग ने कार्रवाई करने से पहले ठेकेदारों को कई बार चेतावनी दी थी. इसके साथ ही बिहार ठेकेदार नियमावली के तहत ग्रामीण कार्य विभाग ने ठेकेदारों को पूरी जानकारी ऑनलाइन देने को कहा था. जून 2018 के पहले से निबंधन कराए ठेकेदारों को यह जानकारी देना जरूरी था. इसको लेकर मार्च 2019 का तक समय भी दिया गया था, लेकिन ठेकेदारों ने विभाग की चेतावनी को नहीं माना.

विभाग के अभियंता प्रमुख प्रवीण कुमार ठाकुर की ओर से इसके बारे में बताया गया है कि जो ठेकेदार ऑनलाइन सिस्टम में शिफ्ट नहीं हुए है. उनके ही खिलाफ कार्रवाई की गई है. ऐसे ठेकेदारों की सूची सार्वजनिक कर दी गई है. ऑनलाइन सिस्टम का मकसद यह है कि विभाग में काम करने वाले ठेकेदारों की पूरी जानकारी ऑनलाइन रहे. ऑनलाइन सिस्टम से जुड़ने पर ठेकेदार के रजिस्ट्रेशन किन-किन योजनाओं पर काम कर रहे हैं, उसकी प्रगति क्या है, वह कभी काली सूची में डाले गए या उनपर जुर्माना लगा है. इसकी जानकारी मिलती. लेकिन ये ठेकेदार इससे बचना चाहते थे और सरकारी ऑनलाइन सिस्टम से नहीं जुड़ रहे थे.