SAHARSA : बिहार में स्वास्थ्य विभाग के आए दिन बदहाली की खबरें निकल कर सामने आती है। हालांकि, इसके रोकथाम को लेकर काम भी किए जा रहे हैं। इस बीच अब एक और बदहाली की खबरें सहरसा से निकल कर सामने आ रहा है। जहां जिला प्रशासन के नाक के नीचे राजकीय कन्या मध्य विद्यालय के एक कमरे में अवैध रूप से नर्सिंग होम चलाने का मामला सामने आया है।
जानकारी के अनुसार वर्षों से यह अवैध नर्सिंग होम अवैध तरीके से स्कूल भवन के कमरे में चल रही है और स्कूल प्रशासन का कहना है कि उनको इस बात की कोई जानकारी नहीं है। स्कूल के एक कमरे जो सदर अस्पताल गेट की तरफ जाने वाली सड़क पर खुलती है। जहां सुई देने से लेकर स्लाइन चढ़ाने से कई ओर काम अवैध रूप से होता है। अब मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रशासन भी हरकत में आ गया है।
बताया जा रहा है कि एक तरफ स्कूल के हालत ऐसे हैं कि यहां पढ़ने वाली छात्राएं और शिक्षिका भय के साए में पढ़ने ओर पढ़ाने को विवश हैं। लेकिन जिस कमरे में अवैध रूप से निजी रूप से उपयोग किया जा रहा है। इसमें पूरी तरह से टाइल्स के साथ साथ सुसज्जित बाथरूम और शौचालय बना हुआ है। वही बेड भी लगा है और स्लाइन स्टैंड भी नजर आया। अब मामला सामने आने के बाद कमरे से अन्य सामान और उपकरण हटा दिया गया। हालांकि यह जांच का विषय है। जांच के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकता है।
वहीं सदर अस्पताल के सामने ओर कन्या मध्य विद्यालय के कमरे में इस तरह के संचालन लोगो के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। मामले को लेकर प्रांजल कुमार उर्फ दिलखुश पासवान ने जिला पदाधिकारी को आवेदन देकर विद्यालय भवन में अवैध रूप से रूम कब्जा करके भ्रूण हत्या और अवैध रूप से क्लीनिक चलाने का आरोप लगाया है।
आवेदन में उन्होंने कहा कि राजकीय कन्या कन्या मध्य विद्यालय में कई वर्षों से स्कूल प्रबंधन एवं बबली नाम की नर्स की मिलीभगत से नाबालिग लड़कियों एवं महिलाओं के भ्रूण हत्या का कार्य कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अवैध कब्जा कर उस कमरे में टाइल्स, शौचालय बना कर बेड लगाया हुआ है। जिसकी जानकारी मौखिक रूप से प्रधानाध्यापक को दी गई तो वह इनकार करती है। जो बहुत शर्मनाक है। जिस निजी नर्स बबली कुमारी पर स्कूल के कमरे को कब्जा कर नर्सिंग होम चलाने की बात सामने आ रही है। उसके पिता इसी स्कूल में चतुर्थवर्गीय कर्मी के रूप में पदस्थापित थे। जो कई वर्षों पूर्व सेवानिवृत हो चुके हैं। इतना ही नहीं कुछ माह पूर्व ही उनकी मौत भी हो गई है। लेकिन उनका परिवार स्कूल के पीछे ही सरकारी जमीन पर अपना घर बना कर रह रहे है।
इधर, इस बाबत पूछे जाने पर नर्स बबली चौधरी ने सभी आरोप को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि वह वर्षों तक शहर के कई निजी अस्पताल में नर्स का काम कर चुकी है, उनकी बेटी भी एएनएम है। जिसके कारण आसपास के कुछ लोग स्लाईन चढ़ाने और इंजेक्शन लेने आ जाते थे। स्कूल का यह कमरा जर्जर था, जिसे वह दुरुस्त करा लिया। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या या अन्य आरोप गलत ओर बेबुनियाद है। इस बाबत पूछे जाने पर स्कूल की प्रधानाध्यापिका बेबी कुमारी ने बताया कि यह कमरा स्कूल कैंपस से बाहर है। जो मूलतः गार्ड का कमरा है और पीछे ही उसका गेट खुलता था। उन्हें जैसे ही जानकारी मिली तो उन्होंने बबली कुमारी को सख्त निर्देश दिया है। वही विभाग सहित अन्य को सूचित कर चुके है।