बलात्कार के आरोपी सांसद प्रिंस राज के ऊपर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट पहुंचे

बलात्कार के आरोपी सांसद प्रिंस राज के ऊपर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट पहुंचे

PATNA : लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद प्रिंस राज पासवान के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।  बलात्कार के एक मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रिंस राज पासवान को दिल्ली पुलिस से गिरफ्तार कर सकती है। गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रिंस राज में अब कोर्ट का रुख कर लिया है। सांसद प्रिंस राज ने अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली की अदालत का रुख किया है। आपको बता दें कि दिल्ली की एक अदालत के निर्देश पर ही प्रिंस राज के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है अदालत ने गुरुवार को संसद के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद कनॉट प्लेस से थाने में प्रिंस के खिलाफ आईपीसी की अलग-अलग धाराओं की तहत एफआईआर दर्ज की गई है। 


दरअसल सांसद प्रिंस राज के ऊपर पार्टी की है एक महिला कार्यकर्ता ने आरोप लगाया था कि प्रिंस राज ने उसके साथ बलात्कार किया। प्रिंस राज एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान के चचेरे भाई हैं उनके पिता पूर्व सांसद रामचंद्र पासवान के निधन के बाद प्रिंस राज समस्तीपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। अपने खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद अब प्रिंस राज को गिरफ्तारी का डर सता रहा है लिहाजा उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट का रुख कर लिया है। आपको बता दें कि करीब तीन महीने पहले एक पीड़िता ने दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. अब कोर्ट का आदेश आने के बाद सांसद प्रिंस राज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. ये एफआईआर 9 सितंबर को दर्ज हुई है. पीड़ित पक्ष की वकील सुदेश कुमारी जेठवा ने बताया कि हमने मई में दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज की थी और जुलाई में दिल्ली की एक अदालत में एक आवेदन दिया था. अदालत ने पुलिस को सांसद प्रिंस राज और उनके चचेरे भाई चिराग पासवान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था.  


जानकारी हो कि पीड़िता द्वारा कुछ वक्त पहले दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई गई थी. पीड़िता के मुताबिक, वह लोजपा की कार्यकर्ता थी. पीड़िता द्वारा आरोप लगाया गया था कि बेहोशी के हालत में उसके साथ शोषण किया गया था. प्रिंस राज पासवान द्वारा भी इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है, जहां उन्होंने पीड़िता पर गलत आरोप लगाने की बात कही थी. इसके अलावा उन्होंने 10 फरवरी को शिकायतकर्ता के खिलाफ रंगदारी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी.