गौरा बौराम से आरजेडी उम्मीदवार के ऊपर FIR, इस सीट पर जेडीयू का रहा है दबदबा

गौरा बौराम से आरजेडी उम्मीदवार के ऊपर FIR, इस सीट पर जेडीयू का रहा है दबदबा

DARBHANGA :  बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया चल रही है. पार्टी के नेता चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. कोरोना काल में नेताओं को मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है. ताजा मामला आरजेडी उम्मीदवार से जुड़ा है, जिनके खिलाफ दरभंगा प्रशासन ने एफआईआर किया है. दरभंगा के गौरा बौराम विधानसभा सीट से आरजेडी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे अफजल अली खान के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है.


दरअसल कोरोना काल के बीच देश में पहली बार चुनाव हो रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की ओर से कई नियम बनायें गए हैं, जिसका पालन करना अनिवार्य है लेकिन जो नेता इस नियम को तोड़ रहे हैं. उनके ऊपर कानूनी कराई की जा रही है. दरभंगा के गौरा बौराम विधानसभा सीट पर आरजेडी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे अफजल अली खान के विरुद्ध दण्डाधिकारी और मनरेगा के कनीय अभियंता अंसारुल हक के आवेदन पर  प्राथमिकी दर्ज की गई है.


सहायक थानाध्यक्ष किशोर कुणाल झा ने बताया कि नामांकन के दौरान राजद उम्मीदवार अफजल अली खान नियमों को तोड़ते हुए भारी संख्या में समर्थकों के साथ नामांकन पर्चा दाखिल करने पहुंचे थे. इस दौरान कई समर्थकों ने न तो सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया और न ही मास्क पहना. जिसके बाद जिला प्रशासन की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई. दण्डाधिकारी के आवेदन के आधार पर उनके विरुद्ध थाने में मामला दर्ज किया गया है.


दरभंगा के गौरा बौराम विधानसभा सीट काफी अहम माना जाता है. इस सीट से पक्ष और विपक्ष की ओर से कोई बड़ा चेहरा ही चुनावी मैदान में होता है. पिछली बार इस सीट से नीतीश कुमार ने खाद्य मंत्री मदन सहनी ने बाजी मारी थी लेकिन इसबार यह सीट वीआईपी के खाते में चली गई है. स्वर्ण सिंह विकासशील इंसान पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं.


मदन सहनी के इस बार अपने गृह विधानसभा क्षेत्र बहादुरपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. गौरा बौराम विधानसभा क्षेत्र के अस्तित्व में आने के बाद इस सीट पर जेडीयू का दबदबा रहा है. 2010 और 2015 यानी कि दो चुनाव में जेडीयू उम्मीदवारों ने ही जीत का परचम लहराया है. 2010 मेंजेडीयू के डॉक्टर इजहार अहमद ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आरजेडी के डॉक्टर महावीर प्रसाद को शिकस्त दी थी. 2015 में जेडीयू ने डॉक्टर अहमद की जगह मदन सहनी को चुनाव मैदान में उतारा, जिन्होंने जीत हासिल की.