PATNA: पटना हाई कोर्ट में शुक्रवार को बिहार के चर्चित गर्भाशय घोटाला मामले पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता वाई बी गिरी ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा। याचिकाकर्ता के पक्ष को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश केवी चंद्रन के बेंच ने मामले पर सुनवाई की अगली तिथि 1 सितंबर निर्धारित की। अब इस मामले पर 1 सितंबर को हाई कोर्ट में सुनवाई होगी।
दरअसल, साल 2012 में मानवाधिकार आयोग के समक्ष गर्भाशय घोटाला लाया गया था। जिसके बाद 2017 वेटरन फोरम के द्वारा पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ लेने के लिए गलत तरीके से बिहार के अलग-अलग अस्पतालों में डॉक्टर ने ऑपरेशन कर करीब 27 हजार महिलाओं का गर्भाशय निकाला लिए थे।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया है कि 27 हजार से अधिक महिलाओं का गर्भाशय महिलाओं के बिना अनुमति के निकाले गए थे ताकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का गलत फायदा उठाकर पैसे का उगाही किया जा सके। इसमें डॉक्टर और बीमा कंपनी की मिलीभगत की बात सामने आई थी। जिसको लेकर मामले में शामिल डॉक्टरों और अस्पतालों का लाइसेंस रद्द करने की मांग हाईकोर्ट से की गई थी।