DESK : कोरोना काल में खानपान से ले कर रहन-सहन तक सबकुछ बदल गया है. इस बीच खबर आ रही है कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI ) खाद्य सामग्री बनाने और बेचने के नियमों में बदलाव करने वाली है.
इस नियम के तहत अब कारोबारियों को खुली मिठाइयों के इस्तेमाल की समय सीमा बतानी होगी. यानि उन्हें ये स्पस्ट करना होगा की इन मिठाइयों को कब तक इस्तेमाल करना सही होगा. ये नियम 1 अक्टूबर से अनिवार्य कर दिया जाएगा.
एफएसएसएआई ने इसके लिये सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि, " सार्वजनिक हित में और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये यह तय किया गया है कि अब से खुली मिठाइयों के बिक्री के लिए दुकानदारों को मिठाई रखने वाली ट्रे के साथ एक अक्टूबर 2020 से अनिवार्य रूप से उत्पाद की 'बेस्ट बिफॉर डेट' भी प्रदर्शित करनी होगी . एफएसएसएआई ने यह भी कहा कि विभिन्न प्रकार की मिठाइयों के उपयोग की समय सीमा के बारे में उन्हें उनके वेबसाइट पर भी सांकेतिक रूप से जानकारी देना जरुरी होगा.
वहीं दूसरी ओर खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले सरसों के तेल में किसी दूसरे खाद्य तेलों की मिलावट करने पर 1 अक्ट्रबर से पूरी तरह रोक लगा दी गई है. इस बारे में भी खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने आदेश जारी किया है. साथ ही इसकी सूचना सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्त को पत्र लिख कर दे दी गई है.
पहले से चले आ रहे नियम के अनुसार, दो खाद्य तेलों को मिलाने की अनुमति थी लेकिन इसे उपयोग में लाए गये किसी भी खाद्य तेल का अनुपात वजन के लिहाज से 20 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए. लेकिन अब FSSAI ने कहा कि काफी सोच विचार के बाद अब भारत सरकार ने सोच है कि सरसों में कोई भी दूसरा तेल मिलाने पर रोक लगाने की जरुरत है. सरकार ने कहा है कि सार्वजनिक हित में घरेलू खपत के लिये शुद्ध सरसों तेल के उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.