फर्स्ट बिहार ने भूमि सर्वेक्षण से जुड़े सवालों का हासिल किया जवाब, पढ़ें गैरमजरूआ जमीन का क्या करेगी सरकार? पदाधिकारी ने कर दिया सबकुछ क्लियर

फर्स्ट बिहार ने भूमि सर्वेक्षण से जुड़े सवालों का हासिल किया जवाब, पढ़ें गैरमजरूआ जमीन का क्या करेगी सरकार? पदाधिकारी ने कर दिया सबकुछ क्लियर

PATNA : बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के दौरान पिछले कुछ दिनों से यह सवाल काफी चर्चा में बना हुआ है कि अगर उनकी जमीन गैरमजरूआ है तो उसका क्या होगा? क्या सरकार यह जमीन ले लेगी या फिर इस पर पूर्व की तरह ही जमीन मालिक का हक रहेगा? ऐसे में फर्स्ट बिहार की टीम ने एक सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी  से इन सवालों को लेकर बातचीत की है और उन्होंने इसका बेहतरीन तरीके से जवाब भी दिया है। 


दरअसल, जब फर्स्ट बिहार टीम के एक संवादाता ने सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी से यह सवाल किया कि बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण को लेकर कई लोगों का यह सवाल है कि  अगर उनकी जमीन गैरमजरूआ है तो उसका क्या होगा? तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि  गैरमजरूआ जमीन दो तरह की होती है। गैरमजरूआ खास और गैरमजरूआ आम। 


इसके बाद उन्होंने बताया कि गैरमजरुआ आम जमीन पूरी तरह सरकारी जमीन होती है और इस जमीन का उपयोग सड़क, नाला, नदी, शमशान, कब्रिस्तान, विद्यालय, तालाब, पोखर आदि के निर्माण के लिए किया जाता है। ऐसे में सरकार इस जमीन पर सरकारी योजनाओं के लिए उपयोग करती है। लिहाजा यह जमीन  सरकार के अधिकार में रहती है। 


इसके आगे उन्होंने बताया कि गैरमजरूआ आम जमीन पर अगर अवैध कब्जा है तो सरकार उसे वापस ले लेगी। इसकी वजह है कि  ऐसी जमीन को गैरमजरुआ आम खाता में दर्ज किया जाता है। इस जमीन का मालिकाना हक सरकार रखती है। वहीं, आपके पास गैरमजरूआ खास जमीन है और खतियान में आपका नाम है और आप उस जमीन के वास्तविक मालिक हैं तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी। यानी गैरमजरुआ खास जमीन जिनकी है उनकी ही रहेगी। अवैध कब्जा वाली जमीन उसके वास्तविक मालिक की होगी।


आपको बताते चलें कि बिहार में गांवों में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। सरकार इस सर्वे के द्वारा भूमि विवाद की घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाने की कोशिश में है।सर्वे के बाद जमीन से जुड़े अहम दस्तावेजों की जांच पड़ताल के बाद जमीन उसके सही मलिक को सौंप दिया जाएगा। लिहाजा यहां इन दिनों रैयतों के बीच अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है।