बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी
1st Bihar Published by: Dhiraj Kumar Singh Updated Mon, 11 Mar 2024 10:41:20 AM IST
- फ़ोटो
JAMUI : बिहार में एक सरकारी स्कूल के कमरे को एक प्रधानाध्यापिका द्वारा घर के रूप में प्रयोग किए जाने का मामला सामने आया है। जिसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद इस मामले को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। डीएम राकेश कुमार खुद इस प्रकरण की जांच करने के लिए विद्यालय पहुंच गए। मौके पर पहुंचकर उन्होंने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका शीला हेंब्रम से पूछताछ की। उन्होंने तल्ख तेवर में कहा कि विद्यालय भवन का उपयोग सिर्फ शैक्षणिक कार्य के लिए होना चाहिए, न कि अन्य कार्यों के लिए। मौके पर डीईओ कपिलदेव तिवारी भी साथ थे।
दरअसल, जमुई में एक प्रधानाध्यापिका द्वारा उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बरदौन के भवन के कमरे का आशियाने के रूप में उपयोग किया जा रहा था। जिसकी खबर फर्स्ट बिहार ने काफी प्रमुखता से चलाई थी। यहां स्कूल के कमरे में सोने के लिए बेड, अलमारी, टीवी, रसोई का सामान रखे होने का वीडियो भी प्रसारित हुआ था। उसके बाद इस मामले में डीएम ने खुद एक्शन लिया है।
वहीं, उच्च विद्यालय गरही विशनपुर में बच्चों से मजदूर का काम लिए जाने की तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं, जिनमें देखा जा रहा है कि आपूर्तिकर्ता द्वारा बेंच उपलब्ध कराने के बाद विद्यालय के कुछ बच्चे उसे कंधे या फिर हाथ में उठाकर विद्यालय भवन के प्रथम तल पर ले जा रहे हैं। हालांकि, फर्स्ट बिहार इस वीडियो के सटीकता की पुष्टि नहीं करता है।
उधर, इस मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी महेश कुमार ने बताया कि किस परिस्थिति में बच्चों से बेंच ढुलवाया गया, इस बारे में प्रधानाध्यापक से जानकारी ली जाएगी। इसके बाद ही कुछ कह सकते हैं।