फेल हुआ तेजस्वी का मिशन - 60! बिहार के अस्पतालों की हालत खराब, मोबाइल की रोशनी में मरीजों का हो रहा इलाज

फेल हुआ तेजस्वी का मिशन - 60! बिहार के अस्पतालों की हालत खराब, मोबाइल की रोशनी में मरीजों का हो रहा इलाज

JAMUI : बिहार में पिछले साल अगस्त महीने में नई सरकार का गठन का हुआ और इस सरकार के गठन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की कमान राजद नेता तेजस्वी यादव ने खुद संभाली और इसके बाद वो इसमें सुधार को लेकर कई तरह की नई योजनाओं बनाई। जिसमें मिशन - 60 के तहत राज्य के ग्रामीण इलाको के स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार और सुविधा को बढ़ावा देने की बात हुई। लेकिन, तेजस्वी के इस प्रयास का शुरूआती दौर में तो असर दिखा लेकिन जैसे - जैसे समय बिता वैसे - वैसे अब इस योजना की सच्चाई निकल कर सामने आने लगी है। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला जमुई से निकल कर सामने आया है। जहां मोबाइल की रौशनी में डॉक्टर इलाज करने को मजबूर नजर आ रहे हैं। 


मिली जानकारी के अनुसार, जमुई सदर अस्पताल में एक बार फिर कुव्यवस्था देखने को मिला है। यहां शार्ट सर्किट की वजह से पूरे अस्पताल की ही बिजली गुल हो गई और पूरी रात विधुत आपूर्ति बाधित रही। जिससे सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। साथ ही इमरजेंसी में आए मरीजों के इलाज में भी डाक्टर को मुसीबतें उठानी पड़ी। मरीजों का इलाज मोबाइल का टार्च जलाकर किया गया तो गर्मी से परेशान भर्ती मरीज को स्वजन पंखा झलते रहे। इतना ही नहीं बिजली चौपट होने के साथ-साथ पूरे अस्पताल में पानी की भी किल्लत हो गई। मरीज को बाथरूम जाने के लिए भी पानी नहीं मिली।


वहीं, इस घटना को लेकर सदर अस्पताल में भर्ती खैरमा निवासी चिंता देवी, महिसौड़ी चौक निवासी लीला देवी, एसपी कोठी निवासी मनीषा कुमारी सहित अन्य मरीजों ने बताया कि- सुबह 9:00 बजे से ही विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप है। पूरे सदर अस्पताल में अंधेरा छाया हुआ है। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन लापरवाह बने रहे। शिकायत करने के बाबजूद भी इसका कोई निपटारा नहीं किया गया। 


आपको बताते चलें कि, इससे पूर्व भी कई बार सदर अस्पताल की बिजली कई घंटों तक गुल हो चुकी है। शार्ट सर्किट की वजह से सदर अस्पताल का पूरा कनेक्शन ही जल चुका था लेकिन यहां के प्रबंधन के द्वारा सिर्फ खानापूर्ति कर दी जाती है। जिस वजह से लगातार यह समस्या बनी हुई है। बिजली नहीं रहने की वजह से कई मरीज बिना इलाज के ही वापस लौट गए तो कई मरीज पंखा के सहारे घंटों अस्पताल में भर्ती रहे।