DESK : लोन मोरेटोरियम की अवधि कल से खत्म हो गई थी, पर अब सरकार ने यह संकेत दिया है कि मोरेटोरियम को दो साल तक बढ़ाया जा सकता है. पर इसका फायदा कुछ ही सेक्टर को मिल सकता है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को ऐसे सेक्टर की सूची सौंपी है जिनको सरकार आगे राहत दे सकती है.
दरअसल, पिछले हफ्ते लोन मोरेटोरियम (EMI की राहत) के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के ऊपर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि लोन मोरेटोरियम के मामले में वह अपना रुख स्पष्ट करने के लिए जल्द हलफनामा दे और रिजर्व बैंक के पीछे छुपकर बचने की कोशिश न करे.
लोन मोरेटोरियम यानी कर्ज की किश्तें चुकाने के लिए मिली मोहलत के दौरान ब्याज माफी के अनुरोध वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में ने कहा कि अर्थव्यवस्था में समस्या सरकार के लॉकडाउन की वजह से आई है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी पक्ष से कहा, 'आपने कहा है कि रिजर्व बैंक ने इस बारे में निर्णय लिया है. हमने इस बारे में रिजर्व बैंक का जवाब देखा है. केंद्र सरकार आरबीआई के पीछे छुप रही है.'
बीते मार्च महीने में कोरोना संकट को देखते हुए रिजर्व बैंक के निर्देश पर बैंकों ने एक अहम फैसला लिया था. इसके तहत कंपनियों और व्यक्तिगत लोगों को बड़ी राहत देते हुए लोन की किस्तों के भुगतान पर 6 महीने की छूट दी थी. इस छूट की आखरी तिथि 31 अगस्त को समाप्त हो गई है. इसको आगे बढ़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी गई है. जिसके सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन बातों को कहा.
कुछ दिनों पहले देश के कई बड़े बैंक ने इस सुविधा को आगे नहीं बढ़ाने की अपील की थी. एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख और कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक उदय कोटक ने कहा था कि इस सुविधा को आगे नहीं बढ़ाया जाए, क्योंकि बहुत से लोग इसका अनुचित फायदा उठा रहे हैं.