एक महीने की यात्रा पर बोधगया आएंगे बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा, 29 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर तक कालचक्र मैदान में प्रवचन

एक महीने की यात्रा पर बोधगया आएंगे बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा, 29 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर तक कालचक्र मैदान में प्रवचन

GAYA : बौद्ध धर्म के अध्यात्मिक तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा एक महीने की यात्रा पर बोधगया आ रहे। बौद्ध धर्म के धर्मगुरु पूरे तीन साल बाद बोधगया आएंगे। इसको लेकर तिब्बत मंदिर के प्रभारी तेनजिन कुंचू ने जानकारियां दी हैं। बता दें कि, तीन सालों से कोविड  के कारण दलाई लामा का आगमन नहीं हो रहा था।  लेकिन, अब 25 दिसंबर को उनका बोधगया आने का कार्यक्रम है। 


दलाई लामा के कार्यक्रम को लेकर मिली जानकारी के अनुसार यह गया में पूरा एक महीना गुजारेंगे। तिब्बत मंदिर के प्रभारी तेनजिन कुंचू ने बताया कि अध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा 25 दिसंबर को बोधगया प्रवास पर आने की संभावना है. वहीं 29 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर तक कालचक्र मैदान में प्रवचन करेंगे। इसके बाद एक जनवरी 2023 को महाबोधि मंदिर में विशेष पूजा अर्चना कर नववर्ष के आगमन पर केक काटेंगे। वहीं, इस दौरान उपस्थित बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा उनकी दीर्घायु व स्वास्थ्य को लेकर विशेष प्रार्थना की जाएगी। 


इधर, दलाई लामा का यहां आना बोधगया टूरिज्म के लिए बेहद खास माना जा रहा। उनके आने से एक बार फिर शहर श्रद्धालुओं से गुलजार हो जाएगा। बीते तीन सालों से कोविड और लॉकडाउन के कारण टूरिज्म को काफी नुकसान झेलना पड़ा। लेकिन,अब उम्मीद जताई जा रही है कि दलाई लामा के आने से इसे गति मिल सकेगी। साथ ही पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी। वहीं, इनके आगमन को लेकर तिब्बती मंदिर में विशेष तैयारियां की जाएंगी। तिब्बती मंदिर, कालचक्र मैदान, महाबोधि मंदिर सहित पुरे बोधगया में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। वहीं कई जांच व खुफिया एजेंसियों की सतर्कता बढ़ जाएगी। 


वहीं, दलाई लामा केसुरक्षा की बात करें तो इनके साथ तिब्बत राष्ट्र की सेना के अधिकारी, जवान व बिहार पुलिस के अधिकारी सहित सैकड़ों जवान की टीमें तैनात होंगी। इसके अलावा बोधगया में चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे के साथ पुलिस बल की तैनाती रहेगी। उनकी सुरक्षा इतनी अभेद्य रहती है कि कालचक्र पूजा की मीडिया कवरेज करने के लिए भी तिब्बती प्रशासनिक विभाग के द्वारा सुरक्षा पास निर्गत की जाती हैं। वहीं दलाई लामा से मिलने के वाले बौद्ध भिक्षुओं व वीआईपी को भी कई सुरक्षा के घेरे से होकर गुजरना पड़ता है।