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1st Bihar Published by: Updated Thu, 28 Jul 2022 05:40:20 PM IST
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JAMUI: एक ही योजनाओं में दो बार राशि की निकासी कर लिये जाने का मामला जमुई के बरहट पंचायत में सामने आया है। जहां वार्ड 14 में पीसीसी सड़क बनाई गयी थी। जमुई में मनरेगा योजना में लूट खसोट का बोलबाला है। पंचायत प्रतिनिधि और अधिकारी की मिलीभगत से बिना काम कराये ही राशि का बंदरबांट कर लिया गया। एक ही योजना के नाम पर दो बार निकासी कर ली गयी।
2018-19 में रामदेव मांझी के घर से स्कूल मोड़ तक पीसीसी सड़क का निर्माण हुआ था। उसी वित्तीय वर्ष में इसका नाम बदल कर शैलेंद्र मंडल के घर से कमलेश्वरी यादव के बथान तक का निर्माण पेपर पर दिखाया गया। इस योजना में दो बार निकासी कर ली गयी। इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। जबकि पंचायत के लोगों ने उप विकास आयुक्त को कार्रवाई के लिए आवेदन भी दिया है। फिलहाल बीडीओ चंदन सिंह मामले की जांच कर रहे हैं। उनका कहा है कि योजना की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
बरहट निवासी राजकुमार यादव ने पंचायती राज विभाग के निर्देशक को पत्र लिखा और पूरे मामले की जानकारी दी थी। राजकुमार यादव ने बताया था कि कैसे बरहट में मनरेगा योजनाओं में धांधली हो रही है। इतना ही नहीं मृतक गीता देवी के नाम पर इंदिरा आवास में लाखों की निकासी की गयी यही नहीं मरने के बाद 86 दिन का लेवर पेमेंट की निकासी भी कर ली गयी। ऐसे दर्जनों योजनाओं में करोड़ की हेराफेरी की गयी है।
शिकायतकर्ता राजकुमार ने बताया कि वरीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। ऐसी 25 से ज्यादा योजनाएं है जिनमें खुलेआम धांधली की जा रही है। इंदिरा आवास में भी लाखों का गबन किया गया है। राजकुमार ने यादव ने लिखे पत्र में कहा कि यदि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करायी जाए तो बहुत बड़े घोटाले का खुलासा हो सकता है।
वही राजकुमार यादव ने बरहट पंचात के मुखिया पर हरिजन एक्ट में फंसाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मुखिया जितनी देवी की मनमानी और धांधली के खिलाफ जब मैंने आवाज उठाई तब मुझे हरिजन एक्ट में फंसाने के लिए केस तक कर दिया गया है। राजकुमार यादव ने बताया कि मेरे अलावे दो और लोग अशोक यादव और मुरारी यादव पर मुखिया पति फौदारी मांझी ने हरिजन एक्ट के तहत मुकदमा दायर किया है। राजकुमार ने बताया कि डीएम साहब को भी उन्होंने आवेदन दिया लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने मुखिया और मुखिया पति के शोषण से मुक्त कराए जाने की अपील की है और लगाये गये हरिजन एक्ट को गलत बताया है।