PATNA : सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जारी सियासी खींचतान को लेकर बिहार की सियासत से हमेशा गरम रही है लेकिन अब स्थानीय निकाय से होने वाले विधान परिषद चुनाव के ठीक पहले नीतीश कुमार के करीबी नेता से एक दूसरे की कब्र खोदने में जुट गए हैं। जी हां, बिहार में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब स्थानीय निकाय से विधान परिषद कोटे की सीटों पर होने वाले चुनाव पर सबकी नजरें टिक गई हैं लेकिन आगामी चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष से पहले जेडीयू के अंदर खाने ही शह और मात का जबरदस्त खेल देखने को मिल रहा है। जमुई इलाके से आने वाले नीतीश कुमार के दो करीबी नेता एक दूसरे को मात देने के लिए ऐसा खेल खेल रहे हैं कि खुद नीतीश की फजीहत हो रही है।
मंत्री और पूर्व एमएलसी के बीच पॉलिटिकल वॉर
दरअसल जेडीयू से जुड़े जिन दो नेताओं के बीच पॉलिटिकल वॉर चल रहा है, वह बिहार सरकार के मंत्री सुमित कुमार सिंह और पूर्व एमएलसी संजय प्रसाद हैं। इन दोनों नेताओं के बीच सियासी अदावत पुरानी रही है। चकाई विधानसभा सीट से दोनों एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में सुमित कुमार सिंह को जेडीयू ने चकाई से उम्मीदवार नहीं बनाया था उनकी जगह संजय प्रसाद को टिकट दिया गया लेकिन सुमित कुमार सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर संजय प्रसाद को मात दे दी। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए तो सियासी अंक गणित के हिसाब से हर विधायक की अहमियत हो गई। ऐसे में निर्दलीय विधायक के तौर पर जीत हासिल करने वाले सुमित कुमार सिंह को जेडीयू ने एक बार फिर अपने पाले में कर लिया।
सुमित सिंह नीतीश कैबिनेट में मंत्री भी बने और यहीं से दोनों नेताओं के बीच शह और मात का खेल शुरू हो गया। संजय प्रसाद कभी आरजेडी से विधान पार्षद हुआ करते थे। स्थानीय निकाय से विधान परिषद पहुंचने वाले संजय प्रसाद ने विधानसभा चुनाव के पहले आरजेडी छोड़कर जेडीयू की सदस्यता ली थी। संजय प्रसाद को विधानसभा चुनाव में जीत हासिल नहीं हुई लेकिन स्थानीय निकाय कोटे से होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए वह दावेदार माने जा रहे हैं। सूत्रों की माने तो जमुई के इलाके में खासा प्रभाव रखने वाले सुमित कुमार सिंह और उनका परिवार एमएलसी कोटे की सीट पर भी अपनी दावेदारी पेश कर रहा है। यही वजह है कि अब मंत्री सुमित कुमार सिंह और संजय प्रसाद के बीच एक बार फिर पॉलिटिकल वॉर तेज हो गया है।
वायरल गेम से कब्र खोदने की सियासत
ऐसा नहीं है कि सुमित कुमार सिंह और संजय प्रसाद के बीच इस पॉलिटिकल वार की जानकारी पार्टी के बड़े नेताओं को नहीं है। सियासी जानकार मानते हैं कि यह दोनों नेता एक दूसरे की कब्र खोदने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहते। यही वजह है कि अब एक दूसरे के खिलाफ हो इन नेताओं की तरफ से वायरल गेम खेला जा रहा है। जमुई के सियासत को समझने वाले जानकार मानते हैं कि इन दोनों नेताओं का खेमा अलग-अलग है। एक खेमा दूसरे खेमे को मात देने के लिए छोटे नेताओं और कार्यकर्ताओं के जरिए ऑडियो रिकॉर्डिंग से लेकर अन्य तरह के हथकंडे अपना रहा है।
यही वजह है कि पिछले दिनों दोनों नेताओं का एक एक ऑडियो टेप भी वायरल हुआ। जानकार बताते हैं कि इन दोनों नेताओं के बीच चल रहे इस सियासी खींचतान की जानकारी खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंच चुकी है। सीएम नीतीश इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है आने वाले दिनों में अगर इन दोनों नेताओं को केंद्रीय नेतृत्व या नीतीश कुमार खुद तलब करें तो कोई बहुत अचरज की बात नहीं होगी। जाहिर है विधान परिषद चुनाव में दावेदारी और जमुई जिले में राजनीतिक पकड़ को लेकर चल रहे इस खेल के बीच नुकसान जेडीयू को ही हो रहा है।