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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 25 Mar 2023 02:32:30 PM IST
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PATNA : देश डिजिटल इंडिया की तरफ तेजी से पांव पसार रहा है। अब इस तेजी से बढ़ रहे डिजिटल युग में बिहार के सरकारी स्कूल भी इस और तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इसके अलावा अकेडमिक कार्यों के अलावा अब किताबें भी ऑनलाइन हो गई हैं। अब राज्य के सरकारी स्कूलों की कक्षा एक से 12वीं तक की किताबों पर अब क्यूआर कोड रहेगा। इसे स्कैन कर स्टूडेंट ऑनलाइन किसी चैप्टर को पढ़ सकते हैं।
दरअसल, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा सभी विषयों में क्यूआर कोड को पहले और द्वितीय पृष्ठ पर डाला गया है। नए सत्र में ये किताबें बच्चों को मिल जाएगी। इससे छात्रों को काफी फायदा होगा। किताब के साथ-साथ उसके पीडीएफ को मोबाइल में भी पढ़ सकते हैं। इस क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए मोबाइल के प्ले स्टोर से “दीक्षा” ऐप डाउनलोड करना होगा। उसी ऐप के जरिए क्यूआर कोड को डाउनलोड कर पढ़ा जा सकता है।
वहीं, सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाली किताबों की छपाई कर ली गई है। इस बार एक अप्रैल से सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में किताबों का वितरण शुरू हो जाएगा। राज्यभर के लगभग डेढ़ करोड़ बच्चों के बीच किताबें वितरित की जानी हैं। आठवीं तक की किताबों में लर्निंग आउटकम ( डाला गया है। इससे क्लास में जो भी चैप्टर पढ़ाए जाएंगे, वह बच्चों को कितना समझ में आया है, इसका पता चलेगा।
आपको बताते चलें कि, एससीईआरटी (SCERT) द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत किताबों का पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। अभी कक्षा एक से तीसरी तक की किताबें नई शिक्षा नीति के आधार पर बनाई गई है। डिजिटल फॉर्म में सभी किताबों को ई-लॉट्स से जोड़ा गया है। ई लॉट्स मतलब ई-लाइब्रेरी टीचर्स एंड स्टूडेंट्स. एक से 12वीं तक की सभी किताबें ई-लॉट्स से जुड़ी हैं। अब ई-लॉट्स से स्कूली बच्चे भी जुड़ें, इसके लिए किताबों पर क्यूआर कोड दिया गया है। इसे स्कैन कर छात्र ई-लॉट्स से जुड़ सकते हैं।