PATNA : ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप में भभुआ सदर अस्पताल की टीम एएनएम को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही साथ जिले के डीएम ने एक डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा भी की है। इतना ही नहीं निजी अस्पताल पर एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश पर कैमूर डीएम ने किया है एक्शन लिया है।
दरअसल यह सारा मामला एक गर्भवती महिला को बगैर इलाज के रेफर किए जाने से जुड़ा है। सदर अस्पताल भभुआ के तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी रहे डॉ प्रेम रंजन के खिलाफ लापरवाही के आरोप में कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। इस मामले में सुविधा पॉलीक्लीनिक के संचालक के संजय कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त तीन एएनएम को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। जिन एएनएम को निलंबित किया गया है उनमें मनोरमा कुमारी, सुषमा कुमारी और सुनीता कुमारी शामिल हैं। आशा कार्यकर्ता संजू कुमारी को सेवा मुक्त कर दिया गया है।
साल 2020 में कैमूर के रहने वाले संजीत कुमार खरवार अपनी पत्नी को लेकर भभुआ सदर अस्पताल पहुंचे थे। पत्नी को प्रसव पीड़ा थी, रात का समय होने के कारण ड्यूटी पर तैनात एएनएम और डॉक्टर ने गर्भवती महिला का प्रसव कराने की बजाय उसे प्राइवेट अस्पताल जाने को कह दिया था। प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान गर्भवती की मौत हो गई थी। यह मामला प्रथम अपीलीय प्राधिकार सह प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल के लोक शिकायत न्यायालय में आया तो आयुक्त ने पूरे मामले की जांच करायी। मामला सही पाए जाने के बाद इसमें एक्शन लिया गया है। जांच में यह बात सामने आई कि अगर भभुआ सदर अस्पताल में गर्भवती महिला का समय पर इलाज किया जाता तो उसकी जान बच जाती। चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही के कारण उसने दम तोड़ दिया।