DESK: स्कूल के बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ किये जाने का मामला पूर्वी चंपारण में सामने आया है जहां स्कूल के डायरेक्टर की गलती की वजह से 17 बच्चों की जान संकट में पर गयी। बताया जाता है कि स्कूल में बच्चों को लाने और घर पहुंचाने के लिए जिस ऑटो का इस्तेमाल होता था उसका ड्राइवर आज स्कूल नहीं आया था। जिसके कारण स्कूल के डायरेक्टर खुद ऑटो चलाने लगे। ऑटो में क्षमता से ज्यादा बच्चों को बिठाया गया था।
ऑटो में कुल 17 बच्चे सवार थे और उसे स्कूल के डायरेक्टर संतोष बिहारी चला रहे थे। ऑटो की रफ्तार तेज थी जैसे ही उसे लेकर डायरेक्टर निमुइया दलित बस्ती के पास पहुंचे ऑटो अनियंत्रित होकर पलट गया। ऑटो के पलटने के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गयी। ऑटो में बैठे बच्चे के चिल्लाने के बाद बचाने के लिए ग्रामीण दौड़े और किसी तरह ऑटो को खड़ा किया गया और उसमें सवार बच्चों को बाहर निकाला गया। जिसके बाद सभी बच्चों को पास के निजी क्लिनिक में ले जाया गया। इस घटना में एक दर्जन से ज्यादा बच्चे घायल हो गये जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जबकि दो बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने मोतिहारी रेफर कर दिया।
बताया जाता है कि ऑटो तुरकौलिया प्रखंड के निमुइआ स्थित एक प्राइवेट स्कूल का है जिसे खुद स्कूल के डायरेक्टर चला रहे थे और क्षमता से अधिक बच्चे इस पर सवार थे। निदेशक की पत्नी खुशी कुमारी उसी स्कूल की शिक्षिका है। उन्होंने बताया कि ऑटो में करीब 17 बच्चे सवार थे जो स्कूल आ रहे थे। ऑटो का ड्राइवर आज नहीं आया था इसलिए खुद डायरेक्टर बच्चों को ऑटो में लेकर स्कूल आ रहे थे। जबकि ग्रामीणों का कहना था कि ऑटो पर कई बच्चे बैठे हुए थे और ड्राइविंग के दौरान चालक फोन पर बात कर रहा था। तभी अनियंत्रित होकर ऑटो पलट गई और बच्चे घायल हो गये।
ग्रामीणों की मदद से सभी बच्चों को ऑटो से निकाला गया और उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। इस घटना से बच्चों के अभिभावकों और ग्रामीणों के बीच आक्रोश व्याप्त है। बताया यह भी जाता है कि बिना रजिस्ट्रेशन के स्कूल चल रहा है। जब इस घटना की जानकारी डीएम सौरभ जोरवाल को हुई तो उन्होंने आनन-फानन में एक जांच टीम का गठन किया। इस घटना को दुखद बताते हुए डीएम ने कहा कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त से बाहर है। जांच रिपोर्ट के आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.