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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 02 Jul 2024 10:22:57 PM IST
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PATNA: दो सप्ताह के अंदर बिहार में 6 पुल ढह गये। अब इस मामले की जांच के आदेश नीतीश सरकार ने दिये हैं। मामले की जांच के लिए मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। जो तीन दिन में जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
मंत्री अशोक चौधरी ने इस बात की जानकारी दी। बताया कि मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में बनी कमेटी इन पुलों के ढहने के पीछे के कारणों की जांच करेगी और आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई की सिफारिश करेगी। इन पुलों के ढहने की असली वजह क्या है? इस बात का पता कमेटी लगाएगी और दोबारा इस तरह की घटनाएं ना हो इस बारे में अपनी राय रखेगी। अररिया, सिवान,पश्चिम चंपारण, किशनगंज में पुल के गिरने की बात सामने आई थी।
बता दें कि अररिया, सिवान, मोतिहारी और किशनगंज में पुल ध्वस्त हुआ था। किशनगंज में मारिया नदी पर बना पुल धंस गया जिससे बहादुरगंज और दीघलबैंक के बीच का संपर्क टूट गया था।यह पुल 2011 में तैयार हुआ था। 70 मीटर के इस पुल का निर्माण मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने में 25 लाख रुपए की लागत आई थी। लेकिन यह पुल भी ढेर हो गया।
हालांकि जब पुल धंसा तो कोई भी राहगीर इसपर से गुजर नहीं रहा था। इसके साथ ही एप्रोच रास्ते भी धंस चुके हैं। प्रशासन और स्थानीय लोगों ने बैरिकेडिंग लगाकर दोनों ओर से रास्ते को रोक दिया गया है। फिर भी कुछ लोग जान जोखिम में डालकर पुल के ऊपर से गुजर रहे हैं। लोगों में इसको लेकर नाराजगी भी देखने को मिल रही है।
वही 18 जुलाई को अररिया में एक पुल उद्घाटन से पहले ही ध्वस्त हो गया था। जिसके बाद इसके निर्माण कार्य पर ही सवाल उठने लगा। वही 23 जून को पश्चिम चंपारण में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाए जा रहे एक निर्माणधीन पुल का हिस्सा गिर गया था। जबकि 22 जून को सीवान के महाराजगंज में पुल गंडक नहर में समा गया। अररिया पुल हादसे में लापरवाही बरतने के आरोप में 4 इंजीनियर को सस्पेंड किया गया था।