PATNA: राजभाषा विभाग के पूर्व निर्देशक ध्रुव नारायण चौधरी की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. अब उनके खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का केस चलेगा. प्रवर्तन निदेशालय ने उन पर केस चलाने और 4.38 करोड़ की जब्त की गई की संपत्ति अधिग्रहण के लिए पटना की विशेष अदालत में चार्जशीट दायर की है.
सात साल की हो सकती है जेल
अगर कोर्ट का फैसला प्रवर्तन निदेशालय के पक्ष में आता है तो ध्रुव नारायण चौधरी को सात साल की कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है. चौधरी के खिलाफ 2008 में विशेष निगरानी इकाई ने कार्रवाई की थी. इसमे आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था. इसी आधार पर 2012 में मनी लाउंड्रिंग की जांच शुरू की.
खुद के साथ परिजनों के नाम पर खरीदी संपत्ति
चौधरी ने खुद पैसा बनाया. इसका खुलासा ईडी के जांच के दौरान पता चला कि 1982 से अप्रैल 2008 के बीच उन्होंने आय के ज्ञात श्रोत से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की. खुद के साथ ही परिजन और रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति जमा किया और खाते में पैसा ट्रांसफर किया. जांच में पता चला कि उनके परिजन में कोई कमाने वाला नहीं था.
पटना समेत कई जगहों पर है संपत्ति
चौधरी की संपत्ति राजधानी पटना में बोरिंग रोड में फ्लैट और राजीनगर में जमीन है. मुजफ्फरपुर में 7 प्लॉट, बेतिया में एक प्लॉट है. मुजफ्फरपुर प्लॉट में निर्माणाधीन है.