PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में सभी 42 सीटों पर टीएमसी उम्मीदवारों की घोषणा के साथ राज्य में इंडी गठबंधन टूट गया। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास प्रकट करते हुए ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पंजाब में पुराने मित्र दलों का एनडीए से जुड़ना लगभग तय होने से सत्तारूढ गठबंधन अधिक शक्तिशाली हुआ।
सुशील मोदी ने कहा कि इस साल 28 जनवरी को नीतीश कुमार के इंडी गठबंधन छोड़ने के बाद से विपक्षी खेमे में विघटन और कांग्रेस से नाता तोड़ने की हवा तेज हुई। यही हाल रहा तो 18 वीं लोकसभा का चुनाव एकतरफा होगा और एनडीए 400 पार का लक्ष्य प्राप्त करेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों के विकास के लिए 10 साल तक बिना ब्रेक लिए जितने काम किए, उससे प्रो-इनकम्बैंसी (सत्ता-समर्थक) लहर चल रही है। यह 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उठी सहानुभूति लहर से कम नहीं और इस बार एनडीए राजीव गांधी को मिले अपार बहुमत (415) का रिकॉर्ड तोड़ सकता है।
सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा उड़ीसा में बीजू जनता दल (बीजद), आंध्र प्रदेश में तेदेपा और पंजाब में शिरोमणि अकाली दल सहित कई बड़े-छोटे क्षेत्रीय दलों से चुनावी समझौता करने के करीब है। दूसरी तरफ इंडी गठबंधन में किसी नये दल का शामिल होना तो दूर, पहले वाले भी साथ छोड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वायनाड संसदीय क्षेत्र में राहुल गांधी के विरुद्ध भाकपा महासचिव डी राजा की पत्नी के चुनाव लड़ने की घोषणा से केरल में भी इंडी गठबंधन टूट गया। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी में समझौता हो गया और उमर अब्दुल्ला इंडी गठबंधन में शामिल होने की गलती स्वीकार कर रहे हैं। बिहार में एनडीए मजबूत है और उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी, ओम प्रकाश राजभर, संजय निषाद की पार्टियां एनडीए के साथ आ चुकी हैं। चुनाव परिणाम ऐतिहासिक होगा।