Bihar News: प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए अब करना होगा यह काम, लागू हुआ परिवहन विभाग का नया नियम Bihar Ias Officers: बिहार के 16 DM समेत 29 IAS अफसर 26 दिनों के लिए कहां जा रहे ? सरकार ने सभी अधिकारियों को भेजी जानकारी, लिस्ट देखें... Bihar News: तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार पर तीखा हमला, सड़क से सदन तक आंदोलन की दे दी चेतावनी Samastipur News: निलंबित ASI के घर छापेमारी में हथियारों का जखीरा बरामद, STF के साथ मुठभेड़; सर्च ऑपरेशन जारी Bihar CM: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली रवाना, निजी कार्य या बड़ा गेम प्लान? जानिए.. Bihar Crime News: घर से उठाकर ओझा की हत्या, 17 लोगों पर FIR; 2 गिरफ्तार Bengaluru Stampede Update: बेंगलुरु भगदड़ कांड में बड़ा एक्शन, RCB के मार्केटिंग हेड एयरपोर्ट से अरेस्ट; 3 अन्य पर पुलिस का शिकंजा Bihar Job Camp: 24 हजार तक सैलरी, 300 पदों पर भर्ती; इस जिले में 4 दिन तक रोजगार मेला India-England Test Series: बदल गया भारत-इंग्लैंड सीरीज का नाम, अब इन दिग्गजों के नाम पर खेली जाएगी टेस्ट श्रृंखला Shashi Tharoor: अमेरिका में बैठ थरूर की पाकिस्तान को चेतावनी, बोले "धैर्य की परीक्षा ली तो अगली बार अंजाम होगा और भी भयानक"
1st Bihar Published by: Updated Tue, 02 Nov 2021 08:52:03 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : आज धनतेरस के साथ ही दिवाली की शुरुआत हो गई है. हर साल कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर धनतेरस मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, कुबरे जी और भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना की जाती है.
भगवान धन्वंतरि को आरोग्य का देवता भी कहा जाता है. धनतेरस के दिन खरीदारी करने का भी बहुत अधिक महत्व होता है. इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, गाड़ी, इत्यादि चीजों की खरीदारी की जाती है. लेकिन धनतेरस पर कुछ खास बातों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी होता है. आइए जानते हैं धनतेरस के दिन कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए.
घर में न कूड़ा-कबाड़ : दिवाली से पहले लोग घर के कोने-कोने की सफाई करते हैं, लेकिन अगर आपके घर में धनतेरस के दिन तक कूड़ा-कबाड़ या खराब सामान पड़ा हुआ है तो इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होगा. इसलिए आज ही घर से खराब या टूटा-फूटा सामान बाहर निकाल फेंके.
मुख्य द्वार पर गंदगी : घर के मुख्य द्वार या मुख्य कक्ष के सामने तो बेकार वस्तुएं बिल्कुल भी ना रखें. मुख्य द्वार को नए अवसरों से जोड़कर देखा जाता है. माना जाता है कि घर के मुख्य द्वार के जरिए घर में लक्ष्मी का आगमन होता है इसलिए ये स्थान हमेशा साफ-सुथरा रहना चाहिए. घर के मुख्य द्वार पर भी आज ही साफ-सफाई की व्यवस्था कर लें.
सिर्फ कुबेर की पूजा ना करें : अगर आप धनतेरस पर सिर्फ कुबेर की पूजा करने वाले हैं तो ये भी एक बड़ी गलती हो सकती है. इस दिन कुबेर के साथ मां लक्ष्मी और भगवान धनवंतरी की भी उपासना का विधान होता है. इसलिए मां कुबेर के साथ मां लक्ष्मी और धनवंतरी की भी मूर्ति की व्यवस्था कर लें.
खरीदारी में न बिताएं पूरा दिन : ज्यादातर लोगों मानते हैं कि धनतेरस के दिन सिर्फ वस्तुएं खरीदने की ही प्रथा होती है. मुहूर्त के हिसाब से खरीदारी करें तो बेहतर होगा. जबकि इस दिन खरीदारी के अलावा दीपक भी जलाए जाते हैं. इस दिन धनिया, झाड़ू, कलश, बर्तन और सोने-चांदी की चीजें खरीदना शुभ होता है. घर प्रवेश द्वार पर दीपक जरूर जलाएं इससे परिवार की लौ हमेशा बनी रहती है.
दिन के समय न सोएं : धनतेरस के दिन दोपहर या शाम के समय सोने से बचना चाहिए. ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है. आज चाहें तो दोपहर में थोड़ा सा आराम कर सकते हैं. इस दिन संभव हो सके तो रात्रि जागरण करें.
घर में न करें कलह : धनतेरस के दिन घर में बिल्कुल कलह ना करें. मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो घर की स्त्रियों का सम्मान करें. आज के दिन लड़ाई-झगड़े से दूर ही रहें.
किसी को उधार न दें : धनतेरस के दिन किसी को भी उधार देने से बचें. इस दिन अपने घर से लक्ष्मी का प्रवाह बाहर ना होने दें. कर्ज या उधार से जुड़ा लेन-देन दिवाली के बाद ही करें तो बेहतर होगा.
लोहा ना खरीदें : धनतेरस के दिन लोहे का कोई भी सामान न खरीदें. इस दिन लोहा खरीदना शुभ नहीं माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन लोहा खरीदने से घर में दरिद्रता आती है.
नकली मूर्तियों की पूजा ना करें : इस दिन नकली मूर्तियों की पूजा ना करें. सोने, चांदी या मिट्टी की बनी हुई मां लक्ष्मी की मूर्ति की पूजा करें. स्वास्तिक और ऊं जैसे प्रतीकों को कुमकुम, हल्दी या किसी शुभ चीज से बनाएं. नकली प्रतीकों को घर में ना लाएं.
धनतेरस पर इन शुभ मुहूर्तों में करें खरीदारी :
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 26 मिनट तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक
निशीथ काल- मध्यरात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
गोधूलि बेला- शाम 05 बजकर 24 मिनट से 05 बजकर 48 मिनट तक
अमृत काल- अगले दिन सुबह 04 बजकर 25 मिनट से 05 बजकर 54 मिनट तक
त्रिपुष्कर योग- सुबह 06 बजकर 34 मिनट से 11 बजकर 31 मिनट तक