धनकुबेर निकले वैशाली के थानेदार संजय कुमार, एक साथ 4 ठिकानों पर EOU ने की छापेमारी

धनकुबेर निकले वैशाली के थानेदार संजय कुमार, एक साथ 4 ठिकानों पर EOU ने की छापेमारी

VAISHALI: आर्थिक अपराध इकाई यानी EOU की टीम ने आज वैशाली के थानेदार संजय कुमार के 4 ठिकानों पर छापेमारी की। वैशाली, दानापुर, औरंगाबाद और हाजीपुर में एक साथ छापेमारी हुई। इस कार्रवाई में पटना के एक फ्लैट से 10.93 लाख के जेवरात और 2 लाख दस हजार रुपया कैश बरामद किया गया है। वही एक लग्जरी कार भी बरामद हुआ है। इसके अलावे लाखों रुपये के इन्वेस्ट का भी पता चला है।


EOU के ADG नैयर हसनैन खान ने बताया कि जिस फ्लैट पर छापेमारी की गयी उसे संजय कुमार ने पुलिस की नौकरी में आने के बाद ही 36.34 लाख रुपए में खरीदी थी। जिस फ्लैट की बात हो रही है वह दानापुर के रूपसपुर थाना क्षेत्र के अभिलेख नगर में है। ग्रीन सिटी अपार्टमेंट के ब्लॉक-C में 701 नंबर का फ्लैट संजय कुमार का है। जिसे उसने अपनी पत्नी के नाम खरीदा था।


ईओयू की टीम को जांच के दौरान यह पता चला कि वैशाली के थानेदार संजीव कुमार और इनकी पत्नी के नाम पर भारतीय स्टेट बैंक और एसडीएफसी बैंक में कुल तीन अकाउंट हैं। जिसमें लाखों की राशि डिपोजिट हैं। चेक के जरीय और ONLICE माध्यम से कई ट्रांजेक्शन किए जाने की भी बात सामने आई है। अब आर्थिक अपराध इकाई संजय कुमार के तीनों अकाउंट की जांच में जुट गयी है। 13 लाख का एक स्कॉर्पियो भी संजय ने खरीद रखा है। संजय कुमार के आमदनी का कोई दूसरा जरिया भी नहीं है। 


पुलिस की नौकरी करते हुए सब इंस्पेक्टर संजय कुमार ने अपने पद का जमकर दुरुपयोग किया। संजय कुमार पर शराबबंदी कानून को और कड़ाई से लागू कराने की जिम्मेवारी थी। लेकिन संजय शराब माफिया का मददगार बना हुआ था। शराब माफिया को मदद पहुंचाकर वे खुद काली कमाई करने में लगे थे। जब इसकी जानकारी ईओयू को हुई तब मामले की छानबीन शुरू की गयी। 26 फरवरी को पटना में संजय कुमार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ जिसके बाद आज उनके 4 ठिकानों पर छापेमारी की गयी। वैशाली, दानापुर, औरंगाबाद और हाजीपुर में आज ईओयू की टीम ने एक साथ छापा मारा जिसमें अकूत संपत्ति का पता चला है।  


बता दें कि वैशाली के थानेदार संजय कुमार 2009 बैच के सब इंस्पेक्टर हैं। सीवान और सारण जिले के बाद वैशाली इनका तीसरा जिला है जहां ये अभी ड्यूटी कर रहे हैं। आर्थिक अपराध इकाई का दावा है कि पुलिस की नौकरी के अलावा इनकी आमदनी का कोई दूसरा जरिया नहीं है। नौकरी से पहले इनके पास सिर्फ औरंगाबाद के रफीगंज में पैतृक घर था। लेकिन अब इनकी चल-अचल संपत्ति काफी बढ़ गई है। सैलरी के रूप में इन्होंने अब तक 84 लाख 1 हजार रुपए की कमाई की है। जबकि 68 लाख 9 हजार 300 की इनके पास चल-अचल संपत्ति अब तक बरामद हुई है। इनकी संपत्ति 81.05 प्रतिशत अधिक मिली है।