धनबाद: जज की हत्या मामले में बड़ा खुलासा, टक्कर मारने वाला ऑटो चोरी का निकला, परिजनों ने की CBI जांच की मांग

धनबाद: जज की हत्या मामले में बड़ा खुलासा, टक्कर मारने वाला ऑटो चोरी का निकला, परिजनों ने की CBI जांच की मांग

JHARKHAND:  धनबाद में जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने इस मसले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी. रमना के समक्ष इस मामले को रखा गया। चीफ जस्टिस ने बताया कि उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से इस संबंध में बात की। वही जिस ऑटो ने टक्कर मारी थी उसे जब्त कर लिया गया है। वही ऑटो ड्राइवर समेत दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। जिससे पूछताछ जारी है। वही एक बात और सामने आई है कि जिस ऑटो का इस्तेमाल किया गया था वह चोरी का था। 


झारखंड हाईकोर्ट ने भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। वही धनबाद के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को तलब किया गया है। वही सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और परिवार के सदस्यों ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की अपील की है। वही धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत की जांच के आदेश झारखंड सरकार ने दिए हैं। जज उत्तम आनंद का अंतिम संस्‍कार आज हजारीबाग में हो रहा है। इसमें धनबाद के कई न्यायिक अधिकारी हिस्‍सा ले रहे हैं। 


धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद जब मोर्निंग वाक के लिए निकले थे तभी एक ऑटो ने टक्कर मार दी थी। जिससे उनकी मौत हो गयी। मौत की वजह बने ऑटो को गिरिडीह से बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने इस मामले में ऑटो ड्राइवर सहित दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा से पुलिस पूछताछ में जुटी है। मॉर्निंग वॉक पर निकले जिला सत्र न्यायधीश-8 उत्तम आनंद की मौत एक हादसा नहीं बल्कि हत्या है। इस मामले में यह तथ्य सामने आया है कि जज को उड़ाने के लिए जिस ऑटो का इस्तेमाल किया गया हुआ वह चोरी का था। उसे पुलिस ने गिरिडीह से बरामद कर लिया है। ऑटो मालिक का कहना है कि उसका ऑटो चोरी हो गया था। जिस संबंध में थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी।


न्यायाधीश उत्तम आनंद की पत्नी कृति सिन्हा ने धनबाद थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए अज्ञात के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया है। दर्ज प्राथमिकी में कृति सिन्हा ने आरोप लगाया कि यह मामला दुर्घटना का नहीं है। वीडियो फुटेज से साफ है कि अज्ञात ऑटो के बीच वाले सीट पर बैठा अज्ञात व्यक्ति जानबूझकर ऑटो चालक के सहयोग से उनके पति के सिर पर वार किया है। जिससे उनकी मौत हो गई।


बताया जाता है कि न्यायाधीश उत्तम आनंद रोजाना की तरह सुबह साढ़े चार बजे मोर्निंग वाक के लिए निकले थे। सुबह साढ़े आठ बजे तक जब वे घर नहीं लौटे तो उनकी पत्नी ने मामले की जानकारी रजिस्ट्रार अर्पित श्रीवास्तव को दी। रजिस्ट्रार ने धनबाद थाने को इस संबंध में सूचना दी। सुबह साढ़े आठ बजे उनकी तलाश शुरू हुई। किसी ने पुलिस को सूचना दी कि गंगा मेडिकल के सामने सड़क किनारे खून गिरा हुआ है। इसके बाद अस्पतालों में खोजबीन शुरू की गई तो एसएनएमएमसीएच में एक व्यक्ति को दुर्घटना के बाद भर्ती कराने की सूचना मिली। 


पहले अस्पताल कर्मियों को संदेह हुआ कि घायल पुलिस विभाग से हैं। इसके बाद पुलिस मेंस एसोसिएशन के लोगों ने मौके पर पहुंच कर घायल को पहचानने का प्रयास किया। जब पुलिस ने एसएनएमएमसीएच में संपर्क किया तो पता चला कि सुबह साढ़े पांच बजे किसी अज्ञात ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया था। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण सुबह नौ बजे उन्होंने अस्पताल के सर्जिकल आईसीयू वार्ड के बेड पर दम तोड़ दिया। उनकी पहचान उनके बाडीगार्ड ने की।


एडीजे 8 उत्तम आनंद झरिया के रंजय सिंह की हत्या के मामले की सुनवाई कर रहे थे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम संजय कुमार का स्थानांतरण हो जाने के बाद उत्तम आनंद ने पिछले साल धनबाद में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम के रूप में योगदान दिया था। हालांकि लॉकडाउन के कारण उत्तम आनंद की अदालत में इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई थी। अदालत में यह मामला अभियोजन पक्ष के गवाह के लिए चल रहा है। इस मामले में कांग्रेस विधायक पूर्णिमा सिंह के देवर हर्ष सिंह एवं मामा उर्फ नंद कुमार के खिलाफ अभियोजन पक्ष अभी तक कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाया है।


जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद ने धनबाद में योगदान देने के बाद दो मामलों में तीन लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। तीन अप्रैल 2021 को पत्नी की किरासन तेल छिड़क कर हत्या करने के आरोपी गुड्डू पासवान को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। आरोपी केंदुआडीह थाना क्षेत्र का रहने वाला था। दूसरा मामले में 25 जून को तीन सहोदर भाई शंकर प्रसाद, शंभू प्रसाद एवं कैलाश को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।


एडीजे कोर्ट के एपीपी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि दो दिन पूर्व ही अदालत ने नीरज सिंह हत्याकांड के कथित शूटर अमन सिंह एवं उसके गुर्गे अभिनव प्रताप सिंह और रवि ठाकुर की जमानत अर्जी खारिज की थी। इसके अलावा बीसीसीएल के जीएम तथा प्रोजेक्ट ऑफिसर का मामला इसी अदालत में सुनवाई के लिए लंबित है। आरोपियों के खिलाफ कोयला चोरी से संबंधित मामला है, जिसमें जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी। सरायढेला जमीन घोटाले से संबंधित मृत व्यक्ति को जिंदा बताकर उससे जमीन की रजिस्ट्री करवाने मामला भी इसी कोर्ट में था। कांग्रेस के नगर अध्यक्ष वैभव सिन्हा के मामले का ट्रायल भी इसी कोर्ट में लंबित है।


झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस की बेंच ने डीजीपी से कहा कि यदि पुलिस जांच करने में विपल साबित होती है तो यह मामला सीबीआई को जा सकता है। वही डीजीपी ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। जल्द ही पुलिस दोषियों तक पहुंचेगी और उसे सजा दिलाएगी। 


सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा कि यह मामला सीबीआई को दिया जा सकता है। चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन ने कहा कि पहले एक मौका धनबाद पुलिस को दे रहे हैं यदि विफल रही तो यह केस सीबीआई को सौंपा जा सकता है। 


गौरतलब है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वत:  संज्ञान लेते हुए झारखंड के डीजीपी और धनबाद के एसएसपी से जवाब तलब किया है। इस मामले पर कोर्ट ने सरकार से भी जवाब मांगा है। वही सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और जस्टिस उत्तम आनंद के परिवारवालों ने भी इस मामले की जांच सीबीआई से करने की मांग की है।