डीजी शोभा अहोत्कर पर होमगार्ड के DIG ने लगाया गंभीर आरोप, ;लेटर लिख कहा ... मैडम करती है गलत काम !

डीजी शोभा अहोत्कर पर होमगार्ड के DIG ने लगाया गंभीर आरोप, ;लेटर लिख कहा ... मैडम करती है गलत काम !

PATNA : गृह विभाग की DG शोभा आहोतकर अक्सर अपने किसी न किसी कार्यों को लेकर सुर्खियों में बनी रहती है। पिछले दिनों वह आईपीएस विकास वैभव से पत्राचार को लेकर सुर्खियों में रही। उसके बाद अब शोभा अहोतकर पर अब डीआईजी अनसूया रण सिंह साहू  ने आरोप लगाया है।


मिली जानकारी के अनुसार होम गार्ड के डीआईजी अनसूया रण सिंह साहू ने तेरह पन्नों का त्राहिमाम संदेश लिखकर डीजी शोभा आहोतकर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस पत्र में टेंडर में धांधली कर पैसे लेने और गलत व्यवहार करने के आरोप लगाए गए हैं।  डीआईजी अनसूया रण सिंह साहू के तरफ से जो लेटर लिखा गया है उसमें  कहा गया है कि -  मैं दिनांक 06.03.2023 को उप महानिरीक्षक - सह - उप समादेष्टा, गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवाएँ में गृह विभाग, बिहार सरकार के अधिसूचना के आलोक में योगदान दी।


 दिनांक 06.03.2023 से लेकर दिनांक 21. - - 03.2023 के प्रातः 11:00 बजे तक महोदया ( शोभा अहोत्कर)  के साथ मेरा संबंध बहुत ही मधुर रहा। परन्तु दिनांक - 21.03.2023 को एक घटना  घटी जिसके उपरान्त महोदया ( शोभा अहोत्कर) का मेरे प्रति आक्रोश एवं दूर्भावनायुक्त व्यवहार प्रारम्भ हुआ।इस आवेदन को 'त्राहिमाम संदेश' के रूप में देखने की कृपा की जाय। 


विनम्रतापूर्वक एवं अत्यंत दुःख के साथ मुझे यह बताना पड़ रहा है कि मुझे जिस प्रकार भयंकर से भयंकर सुनियोजित तरीकों से फंसाने के लिए जाल बिछाया जा रहा है एवं मुझे विभिन्न तरीकों से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, उसके पीछे सिर्फ मेरे समझ से मुख्यतः दो घटना  है।


1. प्रथम घटना- मैं मार्च 2023 में बिहार सरकार के करीब 6.5 करोड़ का होने जा रहा भारी नुकशान को रोका। इस घटना को मैं थोड़ा सा विस्तृत रूप से व्याख्या करना इसलिए चाहूँगी कि महोदय को भी उक्त घटना को भी अच्छी तरह स्मरण हो सकें। दिनांक - 21.03. 2023 को महोदया के द्वारा उनके अवकाश में प्रस्थान करने के समय करीब 11:30 बजे पूर्वाहन को मुझे करीब 15 संचिकायें (जिसमें अधिकांश संचिकाओं में सभी प्रक्रियाएं मेरे इस वाहिनी में योगदान के पूर्व ही पूर्ण हो गयी थी एवं महोदया के द्वारा उन सभी संचिकाओं में संबंधित L-1 घोषित फर्म के लिए Work Orders, GeM Portal में Place करने हेतु अनुमोदित कर दिया गया था) को पुनः विस्तृत रूप से समीक्षा हेतु आदेशित किया गया था। \


महोदया के द्वारा दिया गया आदेशानुसार, महोदया के प्रस्थान के उपरांत मैं with adequate diligence सभी संचिकाओं को गहराई से अध्ययन किया। अध्ययन के दौड़ान उन सभी संचिकाओं में से तीन संचिकाओं में मुझे कुछ विसंगतियां नजर आयी। मैं उन तीनों संचिकाओं को छोड़कर बाकी सभी संचिकाओं में महोदया के निदेशानुसार Work Orders GeM Portal में Place करने हेतु बताई। उक्त तीनों संचिकाओं अग्निशमन वाहन का खरीददारी से संबंधित था। एक ही specifications के 138 अग्निशमन वाहनों का खरीददारी हेतु तीन अलग-अलग Bids (6,गलत व्यवहार करने के आरोप लगाए गए हैं।


77. 55 अग्निशमन वाहनों) के माध्यम से Tenders GeM Portal पर Float किया गया था, जो मुझे प्रथम दृष्टया inappropriate प्रतीत हुआ। एक ही specifications के 138 अग्निशमन वाहनों के लिए तीन अलग-अलग Demands, Place करना एवं तीन अलग-अलग Tenders, Float करने का कोई औचित्य मुझे समझ नहीं आ रहा था। इसके अतिरिक्त सभी 138 अग्निशमन वाहनों का exactly same specifications होने के बावजूद उक्त तीनों Bids ने L-1 Prices में भारी अंतर - A difference to an extent of rupees 6.5 crore मेरे द्वारा पाया गया। इस सभी विसंगतियां के संबंध expert opinion for Shri Mukesh Kumar Lal, advisor, Finance Department-cum Nodal Officer, GeM portal, Govt. of Bihar से दूरभाष पर बात की। उनके द्वारा यह बताया गया कि मेरे द्वारा जो दो बिन्दुओं चिन्हित किया गया है, Audit के वक्त उक्त दोनों Objections, Auditor के द्वारा निश्चित रूप से Raise किया जायेगा एवं उसका निराकरण / निपटारे का जवाब वाहिनी को देना मुश्किल होगा। 


अतः उनके द्वारा यह सुझाव दिया गया कि महोदया से इस बिन्दु पर बात कर महोदया के आदेशानुसार Last दो Bids (77, 55 अग्निशमन वाहनों, जिसमें बिहार सरकार को करीब 6.5 crore rupees का नुकसान हो रहा था) को Cancel किया जा सकता है। क्योंकि महोदया से दुरभाष से सम्पर्क नहीं किया जा सका, अतः मैं मुकेश कुमार लाल के द्वारा दिया गया सुझाव तत्क्षण महोदया को एक Whats App मेसेज  के माध्यम से प्रषित की एवं महोदया के आदेश का इंतजार की करीब 04:30 बजे अपराहन को महोदया से मेरे Mobile पर एक फोन कॉल आया। 


मैं जब उक्त फोन कॉल को Receive की, महोदया के द्वारा मुझसे कहा गया कि"बिना उनके Permission के मुकेश कुमार लाल से क्यों सलाह ली" के बारे में पुछा गया। मैं जवाब में यह बताई कि क्योंकि मुझे कुछ विसंगतियां नजर आ रही थी, अतः एक innocent opinion के लिए मैं Shri Mukesh Kumar Lal से बात की थी। इस पर महोदया न जाने क्यों अचानक इतने मात्रा में आक्रोसित हो गयी कि मुझे करीब डेढ़ घंटा तक गाली दी एवं बर्बाद करने हेतु घमकी दी। 


उस क्रम में महोदया के द्वारा विकाश कुमार वैभव एवं अन्य पदाधिकारियों जो उनके साथ पहले काम किये है को क्या परिणाम भुगतना पड़ा उसके बारे में जिक्र की मैं मांफी मांगते हुए भवदीय को विनम्रता पूर्वक मात्र यही बताई कि मैं भवदीय के आदेश का अनुपालन करते हुए उक्त सभी संचिकाओं का गहन अध्ययन की थी। उस बात पर भवदीय के द्वारा यह बताया गया था कि महोदया मुझे उन सभी संचिकाओं को देखने हेतु इसिलिए बोली थी कि मैं उन संचिकाओं का अध्ययन करने के क्रम में, मैं पूरा प्रक्रिया को सिख सकूं। महोदया के द्वारा आगे यह बताया गया था कि मुझे कुछ सुझाव देने का कोई हक नहीं है। 


महोदया के द्वारा यह भी बताया गया था कि आपके 33 साल के नौकरी में आपके बिना Permission के एक पत्ता तक भी नहीं हिला है । भवदीय के द्वारा यह भी बताया गया कि मेरे इस कृत्य के लिए मैं माफी के लायक नहीं हूँ बल्कि आप यह सुनिश्चित करेंगे कि मेरे उपर कठोर से कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित हो । महोदया के इस धमकी से मैं इतने मात्रा में मानसिक तनाव में आ गई थी कि मैं उसी समय बेहोस हो गयी और मेरे पति एवं मेरे कुछ स्टाफ (जो उसी समय मेरे साथ थे) मुझे अस्पताल में भर्ती कराये थे। मैं समझ नहीं पा रही थी कि मेरी कहां त्रुटि हो गयी थी जिसके लिए मुझे इतना गालियां सुनना पड़ा। मैं तबसे इतने तनाव ग्रस्त हो गयी थी कि मुझे डर लगने लगा। 


आपको बताते चलें कि,  डीआईजी अनसूया रण सिंह साहू ने तेरह पन्नों का त्राहिमाम संदेश लिखकर डीजी शोभा आहोतकर पर गंभीर आरोप लगाए हैं।  इससे पहले आइजी विकास वैभव ने अपर मुख्य सचिव से डीजी शोभा अहोटकर की शिकायत करते हुए पत्र में कहा कि डीजी मैडम ने मुझे आठ फरवरी की बैठक में तीन बार सभी के सामने ब्लडी आइजी कहा। तात्कालिक  डीआइजी बिनोद कुमार को अपमानित किया।  गेटआउट कहकर सभाकक्ष से बाहर निकाल दिया।   इस वजह से मैं काफी विचलित और मानसिक रूप से द्रवित हो उठा। इस बैठक के बाद हुए अपमान के कारण मुझे पूरी रात नींद नहीं आयी और रात में मैंने ट्वीट कर दिया।  हालांकि बाद में मुझे लगा कि ट्वीट न कर मुझे सरकार को अवकाश के लिए आवेदन देना चाहिए। उसके बाद मैंने ट्रीट डिलीट कर दिया। यह मामला भी काफी सुर्ख़ियों में रहा और आखिरकार विकास वैभव को होम गार्ड ने निकाल कर कुछ दिन वेटिंग फॉर पोस्टिंग रखा गया और बाद इनको वहां पोस्टिंग की गई जहां शोभा अहोत्कर के पति कार्यरत हैं।