होली के दिन स्कूल से घर लौट रही शिक्षिका की सड़क हादसे में मौत, बेलगाम स्कॉर्पियो ने बाइक में मारी टक्कर

होली के दिन स्कूल से घर लौट रही शिक्षिका की सड़क हादसे में मौत, बेलगाम स्कॉर्पियो ने बाइक में मारी टक्कर

JAMUI: अपने देवर के साथ बाइक पर सवार होकर एक शिक्षिका स्कूल से घर लौट रही थी तभी अचानक बेलगाम स्कॉर्पियों ने बाइक में टक्कर मार दी और शिक्षिका की मौत हो गयी। घटना के बाद स्कॉर्पियो का ड्राइवर टक्कर मारने के बाद फरार हो गया। होली के दिन शिक्षिका की मौत से शिक्षक संघ में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। शिक्षक संघ का कहना है कि होली के दिन शिक्षकों से काम करवाया जा रहा है यह कहां का शासन है। सरकार के फरमान के चलते शिक्षक काफी दवाब में रहते हैं। 


घटना जमुई के खैरा गढ़ी मुख्य मार्ग के ललदहिया के पास हुई जहां सड़क हादसे में एक  शिक्षका की मौत हो गई। शिक्षिका की पहचान शीला कुमारी 27 वर्ष पति शशि रंजन कुमार लखीसराय जिले के हलसी थाना क्षेत्र के शिवपुर गांव के रूप में हुई है। इधर शिक्षिका की मौत की खबर परिजनों को मिली। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना के बारे में मृतका के रिश्तेदार ने बताया कि वह हरनी पंचायत के कैरवातरी स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्यरत थी। वह अपने स्कूल से कार्य समाप्त कर देवर के साथ बाईक से लौट रही थी। तभी ललदहिया के पास विपरीत दिशा से आ रहे एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने टक्कर मारते हुए फरार हो गया। 


टक्कर इतनी जबरदस्त है कि दोनों सड़क से कुछ दूर जाकर गिरा। इस घटना में शिक्षिका के सिर में गंभीर चोट लगी। आनन फानन में सहयोगियों के द्वारा उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल जमुई में भर्ती कराया गया जहां इनकी मौत हो गई। वही शिक्षिका के मौत के बाद शिक्षक संघ में अक्रोश देखा गया परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के संयुक्त सचिव मनोज कुमार ने कहा कि हर दिन घटना घट रही है। शिक्षक पर दबाव रहता है। स्कूल काम काम करते हैं और माथे पर टेंशन ज्यादा रहता है। क्योंकि फ्री होकर सरकार काम नहीं करने देते हैं। मैं शिक्षा विभाग के हेड, डीओ, डीपीओ सबको कहना चाहूंगा कि आप लोग शिक्षकों को काम करने दीजिए। अगर शिक्षक को फ्री माइंड से काम नहीं करने देंगे। तो हम लोग आंदोलन करेंगे। इसका करारा जवाब देंगे। 


शिक्षक संघ ने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार यदि कोई है तो वो शिक्षा विभाग के अधिकारी है। जिन्हें ना तो होली से मतलब है ना ईद से मतलब है। यहां अंग्रेजों की तरह शासन किया जा रहा है। इनको शिक्षकों से कोई लेना-देना नहीं है। इस घटना के  दोषी जिला शिक्षा और पटना में बैठे अधिकारी है। वही इस घटना के बाद शिक्षिका के शव का पोस्टमार्टम कराया गया और कागजी प्रक्रिया के बाद परिजनों को शव सौपा गया।