पूर्व IPS अधिकारी पर भड़के तेज प्रताप, पटना के सचिवालय थाने में दर्ज कराया FIR बिहार में VVIP गाड़ियों पर TOLL TAX खत्म, परिवहन विभाग ने जारी किया यह निर्देश विधानसभा सत्र के बीच यूरोप चले गए तेजस्वी यादव? शिवानंद तिवारी के आरोप से बिहार की सियासत गरमाई, कहा...मैदान छोड़ दिया मंदिरों की तरह मदरसों और मस्जिदों में भी लगाए जाएं CCTV कैमरे, संसद में बोले रामायण के ‘राम’ जमुई में बालू का अवैध खनन जारी, प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल CHAPRA: ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से छपरा के लाल की मौत, गुजरात पुलिस में थे तैनात कमरिया गोले-गोले-गोले-डोले राजा जी: शराब की बोतल और डांसर का जलवा, नगर निगम के डिप्टी मेयर का वीडियो वायरल एयरपोर्ट निर्माण पर ग्रहण: केंद्र सरकार ने बिहार के इस जिले में हवाई अड्डा बनाने से किया इनकार, सामने आई यह बड़ी वजह एयरपोर्ट निर्माण पर ग्रहण: केंद्र सरकार ने बिहार के इस जिले में हवाई अड्डा बनाने से किया इनकार, सामने आई यह बड़ी वजह Bihar Bhumi: बिहार में जमीन की ई-मापी की निगरानी होगी सख्त, समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने अमीनों के कार्य की मांगी रिपोर्ट
1st Bihar Published by: Updated Tue, 16 Nov 2021 01:32:34 PM IST
- फ़ोटो
DESK: इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है. CBI ने आज देश में कुल 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 76 स्थानों पर तलाशी ले रही है. जानकारी के अनुसार 14 नवंबर 2021 को ने CBI ने ऑनलाइन बाल यौन शोषण और शोषण से संबंधित आरोपों पर कुल 83 आरोपियों के खिलाफ 14 नवंबर 2021 को 23 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं.
सूत्रों के अनुसार जो 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के नाम सामने आ रहे है उसमें आंध्र प्रदेश, दिल्ली, यूपी, पंजाब, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़, एमपी, हिमाचल प्रदेश शामिल हैं.
वहीं बच्चों के यौन शोषण को रोकने के लिए राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (NAHP) के तहत 14 से 20 नवम्बर तक प्रदेश के सभी जिलों में बाल सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया गया है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन कर बाल यौन शोषण के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाया जाएगा. बता दें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबंधक डा. वेद प्रकाश ने इस मामले में प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को लेटर भेजकर कार्यक्रमों के आयोजन का निर्देश दिया है. जो बाल यौन शोषण के मुद्दे पर लोगों को संवेदनशील बनाने के साथ साथ बच्चों के लिए और सुरक्षित माहौल दे सके.
आपको बता दें कि इंटरनेट पर दुनिया भर में बढ़ता बाल यौन शोषण एक वैश्विक समस्या बनती जा रही है. इस समस्या की वजह से खेलता कुद्द्ता बचपन धीरे-धीरे बर्बाद हो रहा है. वहीँ भारत में भी बड़े पैमाने पर बच्चों के प्रति अपराध बढ़ते जा रहे है. ऐसे ही अपराधों को रोकने के लिए CBI ने दो साल पहले अलग से एक यूनिट गठित की थी. यूनिट के द्वारा देशभर में बच्चों के ऊपर होने वाले ऑन लाइन बाल यौन शोषण को रोकना है. ये भी सच है कि पिछले कुछ सालों में देश में बाल यौन शोषण की एक के बाद एक भयानक घटनाओं ने मानव समाज का सिर शर्म से झुका दिया है.
सरकार की ओर से लगातार कायदे-कानून कड़े किए जाने के बावजूद घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रहीं. यहां तक की देश की सबसे बड़ी अदालत ने भी इस पर स्वत संज्ञान लिया है. आए दिन हर राज्य, हर शहर में बाल यौन शोषण की खबरें सुनने को मिलती है. नेशनल क्राईम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से 2016 में जारी की गई रिपोर्ट पर नजर डालें तो 2014 में बच्चों के साथ अपराध की 89,423 घटनाएं दर्ज हुईं. 2015 में 94,172 और 2016 में 1,06,958 घटनाएं दर्ज हुईं.
रिसर्च के अनुसार 2016 में बच्चों के साथ घटी 1,06,958 घटनाओं में 36,022 मामले पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किए गए. जिसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश (4,954) में मामले सामने आए. वहीं उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र (4,815) और मध्य प्रदेश (4,717) का नाम आता है. इंटरनेट पर आने वाली नई नई तकनीक कई बार अनियंत्रित होकर बच्चों के यौन शोषण में कई गुना वृद्दि कर देती है. ऐसे में CBI की नई यूनिट इन पर रोक लगायेगी और बच्चों को उनका बचपन लौटाने में सहायक होगी.