PATNA: पूरे देश में नया कानून लागू होने के बाद छापेमारी का पुराना तरीका अब बदल गया है। आय से अधिक संपत्ति के मामलों में छापेमारी के दौरान अब विजिलेंस, ईओयू समेत अन्य एजेंसियों को रेड की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग करनी होगी। कैमरे की निगरानी में आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की जाएगी। छापेमारी के दौरान पूरी प्रक्रिया को कैमरे में रिकॉर्ड करना होगा। इसे डिजिटल साक्ष्य के तौर पर कोर्ट में पेश किया जाएगा।
दरअसल, देश में आईपीसी और सीआरपीसी समेत अन्य कानूनों की जगह भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू हो चुका है। नए कानून के मुताबिक अब आय से अधिक संपत्ति समेत भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में निगरानी, ईओयू समेत अन्य एजेंसियों को सभी कार्रवाई का डिजिटल साक्ष्य कोर्ट में पेश करना होगा। इसके कई फायदे होंगे जिसके आधार पर कोर्ट तुरंत अपना फैसला सुनाएगा।
जांच एजेंसियों को कोर्ट में चार्जशीट के साथ साथ डिजिटल साक्ष्य को भी जमा करना अनिवार्य हो गया है। छापेमारी के दौरान वीडियो रिकॉर्ड करने की जिम्मेवारी किसी छापेमारी दल में शामिल किसी एक सिपाही या पुलिसकर्मी की होगी, जो रेड की पूरी प्रक्रिया को कैमरे में कैद करेगा। निगरानी ने इस काम का शुरू भी कर दिया है और अब भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रही सभी जांच एजेंसियों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया है।