DELHI: देश में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण कानून बन गया है। संसद की दोनों सदनों से पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम को राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। लोकसभा में यह विधेयक 20 सितंबर को जबकि राज्यसभा से बीते 21 सितंबर को पारित हुआ था। दोनों सदनों से पारित होने के बाद विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया था, जिसपर राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी।
दरअसल, केंद्र सरकार ने बीते 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया था। इस दौरान सरकार ने महिला आरक्षण बिल को 19 सितंबर को लोकसभा में पेश किया। सदन में दो दिन इस बिल पर चर्चा हुई। कुछ दलों को छोड़कर सभी दलों ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया। लोकसभा में इस बिल के समर्थन में कुल 454 मत पड़े और जबकि दो वोट विरोध में पड़े थे। इसके बाद लोकसभा से यह बिल पारित हो गया था।
इसके बाद सरकार ने इस बिल को 21 सितंबर को राज्यसभा में पेश किया। राज्यसभा में बिल के पक्ष में 214 वोट पड़े। राज्यसभा से भी महिला आरक्षण बिल पारित हो गया। इसके बाद बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया गया था। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद महिला आरक्षण बिल कानून बन गया है। बता दें कि इस कानून के लागू होने पर लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।