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1st Bihar Published by: Updated Wed, 09 Dec 2020 04:54:36 PM IST
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DELHI : मोदी सरकार ने देश में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत कर दी है. 1 अक्टूबर 2020 से इस योजना को लागू माना जाएगा. सरकार ने इसके लिए 22,810 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने का फैसला किया है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में इस योजना पर 1584 करोड़ों रुपए खर्च किए जाएंगे. मोदी कैबिनेट की आज हुई बैठक में इस योजना पर मुहर लगा दी गई.
कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया है कि इस योजना के तहत 58.5 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. 1 अक्टूबर 2020 या उसके बाद 30 जून 2021 तक शामिल सभी नए कर्मचारियों को 2 वर्ष की अवधि के लिए सब्सिडी प्रदान किया जाएगा. बताया गया है कि जिस कंपनी में 1000 कर्मचारी हैं, वहां केंद्र सरकार 2 साल की अवधि के लिए 12 फीट कर्मचारी योगदान और इतना ही नियोक्ता योगदान वेतन भत्तों का 24 फ़ीसदी ईपीएफ में योगदान करेगी.
इस योजना के मुताबिक ऑन ऑफिसेज या रोजगार देने वाले संगठनों को फायदा मिलेगा जहां 1000 से अधिक कर्मचारी हैं. केंद्र सरकार की नई नीति के मुताबिक उन्हें ईपीएफ में लाभ मिलेगा. कोई भी कर्मचारी जिसका मासिक वेतन ₹15000 से कम है वह किसी ऐसे संस्थान में काम नहीं कर रहा जो 1 अक्टूबर 2020 से पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ में से पंजीकृत था और इसके पास इस अवधि के पहले यूनिवर्सल अकाउंट नंबर या ईपीएफ नंबर था वह योजना का फायदा ले पाएगा.