PATNA: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पर कटाक्ष किया तब विजय कुमार सिन्हा ने भी तेजस्वी यादव पर पलटवार कर दिया। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि गैरजिम्मेदाराना बयान और व्यवहार से बाज आएं राजद के शहजादे। पिटे हुए शहजादे जैसा व्यवहार तेजस्वी करने लगे हैं। उन्होंने सलाह दी कि अपना तेवर बदले वरना राजनीतिक जमीन पूरी तरह खिसक जाएगी। उन्होंने कहा कि पिता लालू प्रसाद यादव के नक्शेकदम पर चलने वाले तेजस्वी जल्द ही अप्रासंगिक हो जाएंगे। पढ़ाई और खेल के बाद अब राजनीति में भी असफलता की ओर तेजस्वी बढ़ रहे हैं।
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि दूसरों के किस्मत की कुंडली बांचने वाले तेजस्वी यादव खुद ' रानी की कोख से पैदा हुए शहजादे' हैं । उनकी एकमात्र योग्यता भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों का 'अर्धसाक्षर' पुत्र होना है । लोगों ने देखा है कि किस प्रकार अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज कर श्रीमान लालू प्रसाद ने दो-दो बार उपमुख्यमंत्री बनवाया है । वे 5 अहम विभागों के मंत्री रहे लेकिन उपलब्धि के नाम पर जीरो पर आउट हो गए । 2020 में चुनावी अंकगणित के कारण राजद को चंद सीटों का फायदा क्या हो गया वो खुद को जननेता मान बैठे । उसके बाद हुए तकरीबन हर चुनाव में वे फेल हुए हैं । सच्चाई यह है कि पढ़ाई हो या खेल, हर जगह असफल होना उनकी आदत रही है । राजनीति में भी आज वे उसी राह पर चल पड़े हैं । इसलिए आज उनकी हालत बिहार की राजनीति में 'पिटे हुए शहजादे' जैसी हो चली है ।
विजय सिन्हा ने आगे कहा कि अपनी 'एंग्री यंग मैन' वाली छवि गढ़ने के चक्कर आजकल तेजस्वी यादव जिस प्रकार का सार्वजनिक व्यवहार कर रहे हैं उसे देखकर उनकी ' राजनीतिक माफियागिरी' की सोच और संस्कार ही सामने आती है । उनका लालन-पालन राजद की रंगदारों, जालसाजों और दलालों की पीठ सहलाने वाली संस्कृति में हुआ है । बिहार की जनता ने देखा है कि जब ये लोग सरकार में रहे हैं तब 'सत्तपोषित अराजक तत्त्वों' ने शासन के दुरुपयोग से लेकर अपराध, अपहरण और आतंक का कैसा खुला प्रदर्शन किया है । जब ये लोग सत्ता से बाहर रहते हैं तब भी अपराधियों और जालसाजों के ढाल बनकर उन्हें प्रोत्साहित करते हैं ।
बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि तेजस्वी यादव को अपने पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं । उन्हीं की तरह वे अपनी उम्र के बराबर राजनीतिक अनुभव रखने वाले लोगों पर अनर्गल टिप्पणी भी करने लगे हैं । 1990 के दशक के तर्ज पर लोगों को या अधिकारियों को डराने-धमकाने और अपमानित करने के प्रयासों से बाज आना चाहिए । उनको याद रखना चाहिए कि ये 2024 का बिहार है जो विकसित होने का संकल्प लेकर आगे बढ़ चुका है । इसलिए तेजस्वी जी को यदि अपनी राजनीतिक जमीन बचानी है तो रचनात्मक राजनीति के रास्ते पर चलने का प्रयास करना चाहिए । अन्यथा आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी और उनकी पार्टी की हालत 2010 से भी बुरी हो जाएगी । लिहाजा उन्हें अपराधियों, दलालों और जालसाजों की ओट लेकर मुंह छुपाने और दूसरों की उपलब्धियों को अपने नाम गिनाने के बजाए जनसरोकार से जुड़ी राजनीति करनी चाहिए । साथ विरोधियों के किस्मत की कुंडली बांचने की जगह जगह ठोस साक्ष्यों के साथ सामने आना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व वाली हमारी डबल इंजन सरकार का दृष्टिकोण बिल्कुल साफ है । हम स्पष्ट तौर पर न्याय के साथ विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं । किसी ने कुछ गलत किया है तो वह किसी भी कीमत पर बचेगा नहीं और यदि कोई दोषी नहीं तो उसे बेवजह परेशान भी नहीं किया जाएगा । बिहार की जनता यह भलीभांति जानती है और इसीलिए उसने बार-बार NDA को जनादेश दिया है । साथ ही विपक्ष के नेता होने के कारण तेजस्वी यादव से भी जिम्मेदाराना बयान और व्यवहार की अपेक्षा लोग करते हैं ।