ब्रेकिंग न्यूज़

गयाजी में किसान सम्मेलन का आयोजन, सूरज यादव ने किसानों की आवाज़ बनने का लिया संकल्प थाने के लॉकअप से फरार कैदियों को पुलिस ने दबोचा, चौकीदार और OD ऑफिसर पर सहरसा SP ने की कार्रवाई बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग: अनशन के दौरान RJD नेता की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में मिलने पहुंचे मनोज झा मुजफ्फरपुर: कॉलेज प्राचार्या पर महिला कर्मी की पिटाई और वसूली का आरोप, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला पूर्णिया में NSD का नाट्य उत्सव: विद्या विहार स्कूल में 21-22 सितम्बर को विशेष प्रस्तुतियाँ बिहार में चुनावी सरगर्मी हुई तेज: शाह-नीतीश की मुलाकात के बाद JDU ने की बैठक, राहुल और तेजस्वी पर साधा निशाना अमित शाह का बेगूसराय दौरा, राहुल-लालू-तेजस्वी पर साधा जमकर निशाना पटना के गर्दनीबाग में 28.66 करोड़ से बनेगा आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, क्रिकेट की 15 पिचों समेत जिम-हॉल की सुविधा BIHAR NEWS : 'एक दिन एक घंटा एक साथ’, बिहार में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान शुरू, गंगा तटवर्ती जिलों में पहुँचेगा स्वच्छता संदेश कल BJP के किस नेता का नंबर..? प्रशांत किशोर चौथा किस्त जारी करेंगे, दावा- जो फड़फड़ा रहा वो धाराशाई होकर गिर जाएगा

डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने किया डाॅ. ध्रुव कुमार की पुस्तक ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय का शिक्षा-दर्शन’ का लोकार्पण

1st Bihar Published by: Ajay Deep Chouhan Updated Fri, 25 Sep 2020 10:48:47 PM IST

डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने किया डाॅ. ध्रुव कुमार की पुस्तक ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय का शिक्षा-दर्शन’ का लोकार्पण

- फ़ोटो

PATNA :  बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने वरिष्ठ पत्रकार और शिक्षक डाॅ. ध्रुव कुमार की पुस्तक ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय का शिक्षा-दर्शन’ का लोकार्पण शुक्रवार को किया. इस विशेष अवसर पर डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘एकात्म मानव दर्शन’ में जगत का कल्याण निहित है.


डॉ. ध्रुव कुमार के संपादन में 23 आलेखों से संग्रहित पुस्तक "पंडित दीनदयाल उपाध्याय का शिक्षा-दर्शन" का विमोचन करते हुए बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आगे कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय आधुनिक भारत के उन विचारकों में एक हैं जिन्होंने अपनी मौलिक और सार्वभौमिक चिंतन से समाज, राष्ट्र और विश्व को एक नवीन और समरस मार्ग प्रशस्त किया और जगत कल्याण के लिए एक नई विचारधारा दी.



पं. दीनदयाल उपाध्याय की 105वीं जयंती के अवसर पर डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि पंडित दीनदयाल की स्पष्ट मान्यता थी कि भारतीय संस्कृति एकात्म मानववादी है और इसके अनेक प्रत्यय हैं. धर्म, चिति और विराट आदि प्रत्ययों को सहज तरीके से विश्व के सामने प्रस्तुत करना उनकी क्रांतिकारी पहल थी. आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने भी इन भारतीय प्रत्ययों का सफलतापूर्वक उपयोग किया था. वे एक लोक कल्याणकारी राष्ट्र के निर्माण के लिए राजनीतिक शुचिता को परम आवश्यक मानते थे.