PATNA: दिल्ली के दंगल में कांग्रेस का दामन पकड़ कर कूदे तेजस्वी प्रसाद यादव और उनकी पार्टी RJD की भारी बेइज्जती होती दिख रही है. कांग्रेस से तालमेल कर 4 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली RJD को कहीं भी इज्जत बचाने लायक भी वोट नहीं मिल रहे हैं. दिल्ली में ताबड़तोड़ रोड शो से लेकर सभाओं करने वाले तेजस्वी का कोई असर वोटरों पर नहीं पड़ा.
RJD का बेहद बुरा हाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने कांग्रेस से तालमेल किया था. कांग्रेस ने आरजेडी के लिए 4 सीटें छोड़ी थी. ये चार सीटें थी बुराड़ी, किराड़ी, पालम और उत्तमनगर. चारों सीटों पर RJD का बेहद बुरा हाल है. किसी सीट पर RJD की जमानत बचने के दूर-दूर तक आसार नहीं हैं. दिल्ली में अपने चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी यादव कह रहे थे कि जनता की मांग पर वे दिल्ली का चुनाव लड़ने आये थे. लेकिन जनता ने वोटिंग में ऐसा कोई संकेत नहीं दिया.
दिल्ली की उत्तम नगर सीट पर RJD ने शक्ति कुमार विश्नोई को अपना उम्मीदवार बनाया था. हम जब खबर लिख थे तब तक उस क्षेत्र के लगभग 70 हजार वोटों की गिनती हो चुकी थी. RJD के शक्ति कुमार विश्नोई को इन 70 हजार वोटों में से सिर्फ 74 वोट मिले थे. आरजेडी के उम्मीदवार नीचे से दूसरे स्थान पर थे और निर्दलीय उम्मीदवारों तक को उनसे ज्यादा वोट मिले थे.
दिल्ली की किराड़ी सीट पर बिहारी वोटरों की तादाद अच्छी खासी है. तेजस्वी यादव की पार्टी ने वहां मो. रियाजुद्दीन खान को अपना उम्मीदवार बनाया था. आरजेडी का उम्मीदवार नीचे से तीसरे स्थान पर थे. लगभग एक लाख वोटों की काउंटिंग के बाद RJD के उम्मीदवार को सिर्फ 175 वोट मिले थे. इस सीट पर आम आदमी पार्टी के रितुराज गोविंद और बीजेपी के अनिल झा के बीच कड़ा मुकाबला हुआ.
तेजस्वी यादव ने बुराड़ी सीट पर प्रमोद त्यागी को अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया था. बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र में बिहारी वोटरों की बहुलता है. लगभग 80 हजार वोटों की गिनती हो चुकी है और आरजेडी के उम्मीदवार को सिर्फ 1148 वोट मिले थे. उनके वोटों का प्रतिशत सिर्फ 1.43 फीसदी था यानि उन्हें डेढ़ प्रतिशत वोट भी नहीं मिले. इस सीट से आम आदमी पार्टी के संजीव झा भारी वोटों से आगे चल रहे हैं और उनकी जीत तय हो चुकी है.
दिल्ली की पालम सीट पर RJD ने निर्मल कुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था. पालम सीट पर लगभग 55 हजार वोटों की गिनती में आरजेडी के उम्मीदवार को सिर्फ 213 वोट मिले. तेजस्वी के उम्मीदवार को कुल वोटों का 0.23 प्रतिशत वोट मिला है. यानि एक प्रतिशत वोट भी ले आ पाना संभव नहीं हो पाया.