PATNA: बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बर्खास्त करने की मांग दिल्ली के उप-राज्यपाल से की है। वही दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की भी बात दोहराई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का कहना है कि चारा घोटाला में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को भी गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा देना पड़ा था। मोरल ग्राउंड पर त्यागपत्र का मजाक उड़ाने वाले भी जेल से सरकार नहीं चला पाए।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद भी इस्तीफा न देने पर अड़े दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए या राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसी मामले में गिरफ्तारी के 24 घंटे बाद सामान्य सरकारी कर्मचारी को भी निलम्बित कर दिया जाता है, जबकि केजरीवाल हर स्तर पर कानून की अवहेलना करते हुए गिरफ्तारी के 48 घंटे बाद भी मुख्यमंत्री-पद पर हैं और जेल से सरकार चलाने का दुस्साहस कर रहे हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि 1990के दशक में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को भी पद से इस्तीफा देकर चारा घोटाला के कारण जेल जाना पड़ा था, जबकि वे मोरल ग्राउंड (नैतिक आधार) पर त्याग पत्र देने को तैयार नहीं थे।
उन दिनों को याद करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि नैतिकता का मजाक उड़ाते हुए लालू प्रसाद ने पलट कर पूछा था- "मोरल ग्राउंड क्या होता है? फुटबॉल ग्राउंड और क्रिकेट ग्राउंड तो सुना है....। " फिर भी उन्होंने गिरफ्तार होने से पहले इस्तीफा दिया और पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनवाया।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल भी अपनी पत्नी या किसी अन्य विश्वास-पात्र को मुख्यमंत्री-पद सौंप सकते हैं। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं ,तो उप-राज्यपाल उन्हें बर्खास्त करें।
उन्होंने कहा जो इंडी गठबंधन बात-बात में संविधान और लोकतंत्र की दुहाई देता है, उसके नेता बतायें कि केजरीवाल का आचरण लोकतंत्र को मजबूत कर रहा है या उसका उपहास कर रहा है?