PATNA : पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद NIOS से 18 महीने का डीएलएड कोर्स करने वाले तकरीबन दो लाख लोगों के सपने पर ग्रहण लग गया है. राज्य सरकार उन्हें शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में शामिल करने को तैयार नहीं है. सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला ले लिया है.
हाईकोर्ट के फैसले से सरकार संतुष्ट नहीं
दरअसल NIOS से डीएलएड करने वालों को शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में शामिल करने का मामला शुरू से ही विवादों में है. बिहार में शिक्षक नियोजन प्रक्रिया की शुरूआत करने से पहले ही राज्य सरकार ने नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन(NCTE) से दिशा निर्देश मांगा था. NCTE ने 18 महीने के डीएलएड कोर्स को शिक्षक नियोजन में मान्यता देने से मना कर दिया था. उसका कहना था कि शिक्षक बहाली के लिए अभ्यर्थी को कम से कम दो साल का ट्रेंड होना जरूरी है.
NCTE के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में 18 महीने का डीएलएड कोर्स करने वालों को शामिल करने से मना कर दिया था. लेकिन डीएलएड कोर्स करने वाले अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गये. इसी साल 21 जनवरी को हाईकोर्ट ने 18 महीने का डीएलएड कोर्स करने वालों को शिक्षक नियोजन में शामिल करने का फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट के फैसले के बाद सूबे के स्कूलों में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया रोक दी गयी है.
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेगी सरकार
बिहार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक रणजीत कुमार सिंह ने बताया कि सरकार कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील में जायेगी. सरकार सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग ने इसकी फाइल विधि विभाग में भेज दी है. विधि विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद सरकरा अपील में जायेगी. यानि डीएलएड करने वालों के शिक्षक बनने के सपने पर फिर से ग्रहण लग गया है.
90 हजार 763 शिक्षकों की होनी है बहाली
बिहार में जारी शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में 90 हजार 763 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. सरकार ने मार्च तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर लेने का लक्ष्य रखा था. लेकिन डीएलएड अभ्यर्थियों के मामले ने नियुक्ति प्रक्रिया को लटका दिया है. सरकार के अपील में जाने और फिर उसका फैसला आने के बाद ही नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो पाने की संभावना दिख रही है.