PATNA : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने बुरे स्वास्थ्य का हवाला देकर और किडनी ट्रांसप्लांट की बातें कह कोर्ट से जमानत लेकर फिलहाल बाहर आए हुए हैं। सिंगापुर में अपना किडनी ट्रांसप्लांट करवाया कुछ दिनों वह डॉक्टर निगरानी में रहे और उसके बाद अब वापस से बिहार आ गए हैं। बिहार आने के बाद लालू वापस से राजनीति में एक्टिव हो गया है और लगातार कई राजनीतिक बैठक में भी शामिल हो रहे हैं और कई जगहों पर भी जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब जो एक लालू से जुड़ा वीडियो सामने आया है उसमें लालू यादव बिहार की पारंपरिक लोक नृत्य लौंडा नाच का आनंद उठा रहे हैं।
दरअसल, बिहार की राजधानी बिहार की राजनीति में सबसे बड़ी पार्टी राजद के सुप्रीम लालू प्रसाद यादव ने कोर्ट चाहिए का जमानत ली है कि वह बीमार है और उनको बेहतर इलाज के लिए समय-समय पर डॉक्टर के संपर्क में पड़ता है और उनके स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना पड़ता है। इसके अलावा लालू ने अपने किडनी के ट्रांसप्लांट के नाम पर कोर्ट से जमानत ली थी। इसके बाद लालू का किडनी ट्रांसप्लांट भी कर लिया गया है और अब वह बिल्कुल फिट दिख रहे हैं। इतना ही नहीं लालू प्रसाद यादव अब राजनीतिक कार्यक्रम में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा लालू लगातार उन तमाम पुराने जगह पर जा रहे हैं जहां से उनका पुराना नाता रहा है।
इस बीच ताजा मामला अब एक जो एक ताजा मामला सामने आया है उसमें अपने आवास यानी राबड़ी आवास पर पार्टी के कई नेता, विधायक,मंत्री और विधानसभा के स्पीकर अवध नारायण चौधरी के साथ बैठकर लौंडा नाच का आनंद उठा रहे हैं। लालू इस दौरान फिट नजर आ रहे हैं और कहीं से यह नहीं लग रहा है कि अब वह बीमार है।
बताया जा रहा है कि, राबड़ी देवी के आवास पर राजद के तरफ से लिट्टी पार्टी का आयोजन करवाया गया था इसी दौरान लालू यादव ने लौंडा नाच का आनंद उठाने की इच्छा जताई इसके बाद पार्टी के कार्य करता हूं मैं उनके लिए आदेश पर पर लौंडा नाच का व्यवस्था करवाया। उसके बाद लाल लौंडा नाच का आनंद लेते हुए नजर आ रहा है।
इधर, लालू के इस लौंडा नाच को लेकर राजनीतिक जानकारों की तरफ से सवाल उठाने शुरू हो गया है कि क्या लालू यादव को इन्हीं चीजों के लिए कोर्ट से जमानत दी गई थी, उन्हें कोर्ट से बीमारी का हवाला देकर जब जमानत दी गई थी तो क्या उन्हें राजनीतिक कार्यक्रम में और इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति डॉक्टरों की तरफ से दी गई है। क्योंकि, लाल यादव को डॉक्टर ने भी भर से दूर रहने की सलाह दी है तो फिर लालू आखिर कैसे लौंडा नाच का आनंद उठा रहे हैं।
वहीं, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि एक तरफ देश में जब महिला को आरक्षण बिल पेश हुआ तो वहीं दूसरी तरफ इस बिल का विरोध में रहने वाले लालू यादव ने इस दफे अनोखे तरीके से विरोध जाताया उन्होंने लौंडा नाच करवा कर यह जताने की कोशिश की उन्हें केंद्र सरकार के तरफ से लाए जा रहे इस बिल से अधिक मतलब नहीं है और इसकी एक वजह उनका लोकसभा में एक भी सांसद नहीं होना भी बताया जा रहा है। वही वजह हा की लालू इसको लेकर खुद कुछ बोल भी नहीं रहे हैं इसको लेकर इस बार उन्होंने राबड़ी देवी को आगे किया है और इसको लेकर अबतक लालू परिवार के तरफ से मात्र राबड़ी देवी ने ही बयान दिया है।
आपको बताते चलें कि, वैसे तो लौंडा नाच बिहार और पूर्वांचल का पारंपरिक नृत्य है। इसमें पुरुष अक्सर महिलाओं के कपड़े-गहने पहन और मेकअप करके डांस करते हैं। इसकी शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी। बाद में यह काफी प्रचलन में आया और शादी-ब्याह एवं अन्य आयोजनों में लौंडा नाच होने लगा। दिवंगत रामचंद्र मांझी को लौंडा नाच के लिए पद्मश्री पुरस्कार भी मिला था, उन्होंने इस कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई थी।