DESK : चीन भले ही दावा कर रहा हो कि उसके देश में कोरोना वायरस का असर काम हो गया है. पर ये बीमारी अब पुरे विश्व में फैल गई है. इस बीमारी को वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने महामारी घोषित कर दिया है. आम जनता के साथ ही अब खास लोग भी इसकी जद में आने लगे है. हॉलीवुड स्टार टॉम हैंक्स और उनकी पत्नी रीता विल्सन, कैनेडियन प्रधानमंत्री की पत्नी सोफी ग्रेगोइरे ट्रुडो, NBA स्टार रूडी गोबेर्ट, इंग्लैड की स्वास्थ मंत्री नदिने डोर्रिस, ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्री पीटर दूटोन जैसे लोग भी इसकी चपेट में आ चुके है. इस वायरल बीमारी की वजह से लोग अब एक दूसरे से हाथ मिलाने की जगह हाथों को जोड़कर नमस्ते कर रहे है. भारत में अब तक 76 मामले सामने आये है वही विश्व में इसके 134768 मामले सामने आ चुके है. कल इस बीमारी की वजह से कर्णाटक में एक वृद्ध की मौत हो गई. भारत सरकार इससे निपटने के लिए कड़े कदम उठा रहा है. लोगों में इस बीमारी को ले कर जानकारी की कमी परेशानी का सबब बना हुआ है. व्हाट्स एप और फ़ॉर्वर्डेड मैसेज से लोगों में काफी भ्रम फैलाई जा रही है. ऐसी ही कई गलतफहमियों को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कुछ बातों की लिस्ट बनाई है जो मिथक हैं, लेकिन तेजी से दुनियाभर में वायरल हो रहे हैं. आइये जानते है इनमे कितनी सच्चाई है.
भ्रम : गर्म मौसम और नमी में कोरोना वायरस नहीं फैलता ?
सच्चाई : लोगो में यह गलतफहमी है कि गर्म मौसम या नमी में कोरोना का वायरस नहीं फैलता,विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोनावायरस कहीं भी, किसी भी हाल में फैल सकता है. गर्म और नम मौसम में भी. कोरोना के वायरस का जलवायु या पर्यावरण से कोई संबंध नहीं है.
भ्रम : ठंडा मौसम व बर्फ कोरोना वायरस को खत्म करता है.
सच्चाई : कुछ लोग ये भी मानते है की कोरोना का वायरस ठन्डे मौसम में नहीं फैलता है, लेकिन विश्व स्वास्थय संगठन के अनुसार ठंडा मौसम या बर्फ कोरोना वायरस या किसी अन्य बीमारी के वायरस को खत्म नहीं कर सकता बाहर का तापमान कितना भी हो, हमारे शरीर का औसत टेम्परेचर 36 से 37 डिग्री के बीच होता है.
भ्रम: गर्म पानी से नहाने पर मरता है कोरोना वायरस
सच्चाई: आप गरम पानी से नहाये या ठंडे पानी से, कोरोना वायरस पर इसका कोई असर नहीं होता. इस बात में कोई सच्चाई नहीं है की गर्म पानी से इसके वायरस मर जाते है.
भ्रम: कोरोना वायरस मच्छर के काटने से भी फैलता है.
सच्चाई : WHO का कहना है की अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जिससे कि इस बात की पुष्टि हो सके कि मच्छर के काटने से यह वायरस फैलता है. डॉक्टरों का कहना है की कोरोनावायरस एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो मुख्य रूप से किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या किसी तरह से संपर्क में आने से फैलता है.
भ्रम: थर्मल स्कैनर से कोरोना संक्रमण का पता चलता है
सच्चाई: जगह-जगह जांच करने के लिए थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल हो रहा है. थर्मल स्कैनर बॉडी टेम्पेचर को नापता है और बुखार का पता लगता है. कई बार कोरोना संक्रमित व्यक्ति का पता देर से चलता है क्योंकि इसके लक्षण को उभरने में 14 दिन का समय लग सकता है.
भ्रम: हैंड सैनेटाइज़र या एल्कोहल स्प्रे से कोरोना वायरस मरता है.
सच्चाई: हैंड सैनेटाइज़र या एल्कोहल स्प्रे कोरोना वायरस से सिर्फ बचाव करता है, यदि किसी व्यक्ति को कोरोना हो जाये तो उसे पुरे इलाज की जरुरत है.
भ्रम: पालतू जानवरों से कोरोना वायरस फैलता है.
सच्चाई : WHO के मुताबित अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसमे पालतू जानवरों से कोरोना वायरस फैलने की घटना सामने आई हो. पर सावधानी बरतते हुए आप पालतू जानवरों को छूने के बाद हमेशा हाथ धो लिया करें.
भ्रम: निमोनिया वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाती है
सच्चाई: यह बात पूरी तरह झूठी है की निमोनिया वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाव कर सकता है. अभी तक इस बीमारी की कोई वैक्सीन नहीं बनी है. रिसर्चर अभी भी एंटी-कोविड19 वैक्सीन बनाने की कोशिश में है और WHO उनको इस कोशिश में मदद कर रहा है.
भ्रम: लहसुन खाने से कोरोना संक्रमण से बच सकते हैं
सच्चाई: लहसुन खाना सेहत के लिए अच्छा होता है पर कोरोना वायरस से बचाव में सहायक है ऐसा साबित नहीं हुआ है.लहसुन में एंटी वायरल प्रॉपर्टीज होता है जो कोई बीमारीयों में फायदा पहुँचता है इस लिए इसे खाने की सलाह दी जाती है.
भ्रम: कोरोना वायरस से बुजुर्गों और बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा है
सच्चाई: इस बात में कोई सच्चाई नहीं है की बुजुर्गों और बच्चों में इस बीमारी से सबसे ज्यादा खतरा है. कोई भी इंसान जिसकी इम्यून सिस्टंम वीक है उसको ये बीमारी हो सकती है.